Uttarakhand Heavy Rain Alert : कहर बनकर टूटी उत्तराखंड में बारिश, पांच की मौत, जनजीवन अस्त-व्यस्त

Uttarakhand Heavy Rain Alert : भारी बरसात के चलते पहाड़ी से मलवा गिरने से निकट ही काम कर रहे मजदूर जो सड़क से सौ मीटर नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहे थे, दब गए।

Update: 2021-10-18 14:52 GMT

(उत्तराखंड में भारी बारिश से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है)

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Uttarakhand Heavy Rain Alert। पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम की तब्दीली के चलते सोमवार का दिन आशंकाओं भरा रहा। शाम तक राज्य में पांच मौतों की पुष्टि हुई है। हज़ारो वहां जहां-तहां सड़के बन्द होने के कारण फंसे हैं। भारी बारिश के तीन दिवसीय अलर्ट के मद्देनजर राज्य की चारधाम यात्रा पर अस्थाई रोक के साथ ही सोमवार को प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेज आपदा की संभावना से बंद रखे गए।

उत्तराखंड (Uttarakhand) में रविवार से ही लगातार बारिश का दौर जारी है। जिससे जगह-जगह मलवा आने की वजह से प्रदेश के कई राजमार्गों (Highways) पर ज़िन्दगी की रफ्तार थमी हुई है। यात्रियों व पर्यटकों को इन दिनों यात्रा न करने का सलाह दी गई है। पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश के कारण पांच व्यक्तियों की मौत हो गई। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि राज्य में 20 स्थानों पर भारी वर्षा हुई है। इस दौरान पौड़ी जिले की की लैंसडौन तहसील के अंतर्गत एक मकान की छत गिरने से तीन व्यक्तियों की मौत हुई है, जबकि दो घायल हैं। दो मौत चंपावत में हुई हैं। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी सीएम धामी (Pushkar SIngh Dhami) को फोन कर हालात की जानकारी ली।

राज्य के गढ़वाल मण्डल में लैंसडौन-गुमखाल मोटर मार्ग में ग्राम समखाल के पास भारी बरसात (Heavy Rain) के चलते पहाड़ी से मलवा गिरने से निकट ही काम कर रहे मजदूर जो सड़क से सौ मीटर नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहे थे, दब गए। मलवा झोपड़ी के ऊपर गिरने के कारण नेपाल मूल की समूना पत्नी नियाज, सपना पत्नी लिंगडा की उसकी चार साल की बच्ची अलीसा की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि निजाज पुत्र मुमताज और सविया पुत्री नियाज घायल हुए है। घायलों को उपचार के लिए 108 आपातकालीन सेवा से प्राथमिक स्वास्थ केंद्र जयहरीखाल में भर्ती करवाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को कोटद्वार के लिए रेफर कर दिया गया।

सभी मजदूर समखाल में निर्माणाधीन एक होटल में कार्य कर रहे थे। सोमवार को बरसात तेज होने की बजह से मजदूर अपनी झोपड़ी में ही थे। भारी बरसात के चलते गिरे मलबे से मजदूर तो बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन महिला और मासूम की अंदर ही मलबे में दबने के कारण मौत हो गई। जबकि कुमाउं मण्डल के चम्पावत जिले (Champawat) के सेलाखोला गांव में मकान और उसकी कच्ची रसोई में 20 मी​टर ऊचांई से मलवा गिरने से मलवे में दबकर मां और बेटे की मौत हो गयी। पुलिस, एडीआरएफ,एसएसबी और ग्रिफ के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद शवों को बाहर निकाला।

दूसरी तरफ सोमवार की सुबह जनपद चम्पावत के थाना टनकपुर (Tanakpur) क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न क्षेत्रो से पूर्णागिरी दर्शन को आये हुए लगभग 150-200 श्रद्धालु अलर्ट जारी किये जाने के बावजूद चोरी छिपे पैदल जंगल के रस्ते बाटनागाड़ में पहुंच गये और वहां पर पानी को बहाव तेज होने और मार्ग पर मलबा और पत्थर गिरने फंस गए। खबर मिलने पर प्रशासन द्वारा सभी को बमुश्किल सुरक्षित निकालने का काम किया गया।

इसके अलावा पूरे राज्य के उफनते गधेरों में कई वाहन बहने की खबरें हैं। लगभग सभी राजमार्ग ट्रैफिक के लिहाज से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। जहां-तहां सैंकड़ों वाहन फंसे होने की जानकारी मिल रही है। प्रशासन ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों से खास सावधानी व सुरक्षा के लिहाज से यात्रा स्थगित करने की अपील की है।

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