ऑपरेशन के बाद के तनाव और दर्द को कम करता है संगीत
ऑपरेशन के ठीक बाद जिन मरीजों को संगीत सुनाया गया उन्हें ऑपरेशन के बाद वाले दिन दर्द का एहसास सामान्य मरीजों की तुलना में 19 प्रतिशत काम हुआ, मानसिक तनाव में 3 प्रतिशत की कमी आँकी गई और हृदय स्पंदन दर भी सामान्य बना रहा...
महेंद्र पांडेय की टिप्पणी
A recent study concludes that music helps in pain reduction, reduces anxiety and maintains heart rate after surgery. एक नए विस्तृत अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने बताया है कि संगीत के असर से ऑपरेशन के बाद मरीज को दर्द कम महसूस होता है इसलिए दर्द खत्म करने की दवाओं की कम जरूरत पड़ती है, तनाव में कमी आती है और हृदय के स्पंदन की गति सामान्य बनी रहती है। जाहिर है इससे ऑपरेशन के बाद सामान्य स्वास्थ्य तक पहुँचने में काम समय लगता है।
इस अध्ययन की विशेष बात यह है कि इसमें संगीत के चयन और इसके सुनने के अंदाज पर कोई पाबंदी नहीं है – संगीत हेड्फोन द्वारा या फिर कमरे में स्पीकर द्वारा सुना जा सकता है, और संगीत शांत और धीमा होना चाहिए। संगीत में गाना या फिर इंस्ट्रूमेंटल धुन के चयन पर कोई पाबंदी नहीं है, बस सुकून वाला संगीत होना चाहिए।
क्यालिफोर्निया के नॉर्थ स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसन के वैज्ञानिकों ने यह अनुसंधान किया है और इस शोधपत्र को अमेरिकन कॉलेज ऑफ सर्जन्स क्लीनिकल कांग्रेस 2024 में प्रस्तुत किया गया है। इस अध्ययन के लिए पहले से इस विषय पर प्रकाशित 35 शोधपत्रों का बारीकी से विश्लेषण किया गया है। अधिकतर गंभीर ऑपरेशन में ऑपरेशन के बाद का पहला दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है, जब मरीज पर ऐनिस्थीसिया का असर धीरे-धीरे काम होता है और पूरी तरह चेतन अवस्था में आकार मरीज अपनी परिस्थितियों और अपने भविष्य के बारे में सोच कर तनाव में आने लगता है। पूरी तरह चेतन अवस्था में आने के बाद शरीर का दर्द भी पूरी तरह से महसूस होने लगता है, जिसके लिए भारी सांद्रता में दर्द-निवारक दवाएं देने की जरुरत पड़ती है।
इस अध्ययन के अनुसार ऑपरेशन के ठीक बाद जिन मरीजों को संगीत सुनाया गया उन्हें ऑपरेशन के बाद वाले दिन दर्द का एहसास सामान्य मरीजों की तुलना में 19 प्रतिशत काम हुआ, मानसिक तनाव में 3 प्रतिशत की कमी आँकी गई और हृदय स्पंदन दर भी सामान्य बना रहा। इन सभी कारणों से स्वास्थ्य सामान्य होने के समय में कमी आई और दर्द निवारक दवाओं को काम देना पड़ा। जिन मरीजों को संगीत नहीं सुनाया गया, उन्हें ऑपरेशन के अगले दिन औसतन 1.654 मिलीग्राम दर्द निवारक दवाओं की जरूरत पड़ी, जबकि संगीत सुनने वाले मरीजों को महज 0.758 मिलीग्राम की ही जरूरत पड़ी। संगीत सुनने के बाद मस्तिष्क में कोरटोसॉल का उत्सर्जन कम होता है, जिससे मानसिक तनाव में भी कमी होती है।
इस अध्ययन में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि दावा यह नहीं है कि संगीत सुनने से दर्द की तीव्रता में कमी आई, पर दर्द के एहसास में जरूर कमी होती है। दर्द के एहसास से ही दर्द निवारक दवाओं का डोज़ तय किया जाता है और इस एहसास से ही जल्दी सामान्य हालत तक पहुँचने की संभावना रहती है। तनाव काम करने के लिए दवाओं के अतिरिक्त ध्यान या मेडिटेशन जैसे दूसरे उपाय भी हैं। पर, समस्या यह है कि इन सभी दूसरे उपायों में सांस पर नियंत्रण के अतिरिक्त बैठने और थोड़ा शरीर हिलाने की जरूरत पड़ती है, जो ऑपरेशन के बाद एक कठिन काम है।
दूसरी तरफ यही काम संगीत भी करने में सक्षम है, जिसमें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होता और मरीज अपनी जगह पर लेटा इसका आनंद और साथ ही स्वास्थ्य लाभ ले सकता है। इस अध्ययन में कहा गया है कि संगीत का उपयोग ऑपरेशन थिएटर में और मरीजों के बेड के पास किया जाना चाहिए, यह जल्दी स्वास्थ्य लाभ के लिए एक बेहतर विकल्प है।
संदर्भ:
https://neurosciencenews.com/music-surgery-pain-anxiety-27894/