सावधान! हेडफोन और इयरबड्स से 1 अरब से अधिक युवाओं पर मंडरा रहा है बहरेपन का खतरा

Researchers Report : नियमों के ढुलमुल अनुपालन, स्मार्टफोन, हेडफोन और इयरबड जैसे उपकरणों के उपयोग और ज्यादा तेज आवाज वाले स्थानों पर जाने और काम करने की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

Update: 2022-11-17 08:54 GMT

सावधान! हेडफोन और इयरबड्स से 1 अरब से अधिक युवाओं पर मंडरा रहा है बहरेपन का खतरा

Researchers Report : वैज्ञानिक सभ्यता के वर्तमान दौर में सभी तकनीकी उत्पादों के निर्माण से जिंदगी को जीना तो आसान हुआ है, लेकिन यही खोज किसी न किसी रूप में आठ अरब आबादी के सामने कठिन से कठिन चुनौतियों का संकेत भी दे रही हैं। ऐसा ही एक अध्ययन रिपोर्ट बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल ( BMJ Global Health ) में प्रकाशित हुआ है। शोध अध्ययन ( researchers report ) के मुताबिक तेज़ म्यूजिक वाली जगहों पर जाने और हेडफोन ( headphone )  इयरबड्स ( earbuds ) के इस्तेमाल के कारण दुनियाभर में एक अरब युवा ( one billion youth ) और आधे अरब से ज्यादा किशोर सुनने की क्षमता ( Global Hearing Loss, ) खोने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

यही वजह है कि शोधकर्ताओं ने अध्ययन रिपोर्ट में सरकारों को जल्द-से-जल्द 'सुरक्षित श्रवण' (सुनने से जुड़ी) सुरक्षित नीतियों निर्माण और उस पर अमल को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया है।

अमेरिका के साउथ कैरोलाइना मेडिकल विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) का अनुमान है कि दुनिया भर में फिलहाल 43 करोड़ से अधिक लोग सुनने की अक्षमता से पीड़ित हैं। अंतरराष्ट्रीय टीम का दावा है कि दुनिया भर की सरकारों को श्रवण स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए "सुरक्षित श्रवण" नीतियों को तत्काल प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। इस टीम में कहा कि नियमों के ढुलमुल अनुपालन, स्मार्टफोन, हेडफोन और इयरबड जैसे उपकरणों (PLD users ) के उपयोग और उन स्थानों पर जाने के कारण युवा विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं, जहां तेज आवाज में संगीत बजाया जाता है।

आम जीवन में ध्वनि का स्तर सामान्य से काफी ज्यादा



इससे पहले प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया था कि पीएलडी उपयोगकर्ता अक्सर 105 डेसिबल (डीबी) की बहुत तेज आवाज सुनते हैं जबकि मनोरंजन स्थलों पर औसत ध्वनि स्तर 104 से 112 डीबी तक होता है। यह वयस्कों के लिए 80 डीबी और बच्चों के लिए 75 डीबी के स्वीकार्य ध्वनि स्तर से बहुत अधिक है। कैरोलाइना मेडिकल विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं की माने तो दुनिया भर में 0.67 अरब किशोर और 1.35 अरब युवाओं में सुनने की क्षमता कम होने का खतरा हो सकता है, लेकिन उनके निष्कर्षों की महत्वपूर्ण सीमाएं जैसे विविध अध्ययन डिजाइन (मनोरंजन स्थलों पर अध्ययन की एक विशेष विशेषता) और मानकीकृत पद्धति की अनुपस्थिति हैं।

Researchers Report : बता दें कि शोध अध्ययन में 12 से 35 साल के 19,046 लोगों ने हिस्सा लिया। शोध निष्कर्ष तक पहुुंचने में 33 अध्ययनों का इस्तेमाल किया गया।sz`    

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