बिहार: दूसरी लहर में किरकिरी के बाद सरकार अब अलर्ट मोड पर, ट्रेनों व बसों के यात्रियों की होगी कोरोना जांच
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य में अफरातफरी की स्थिति बन गई थी, ऑक्सीजन की किल्लत से स्थिति विकट थी तो अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे..
जनज्वार ब्यूरो, बिहार। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर इस बार बिहार सरकार अलर्ट मोड पर है। राज्य में कोरोना की जांच में तेजी लाने तथा ट्रेनों व बसों के माध्यम से दूसरे राज्यों से आनेवाले यात्रियों की कोविड जांच का निर्देश दिया गया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लगभग दो माह तक राज्य में काफी अफरातफरी की स्थिति बन गई थी। ऑक्सीजन की किल्लत से मारामारी की स्थिति थी तो संक्रमितों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे। बाद में ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था सरकार ने अपने हाथों में लेते हुए अस्पतालों के लिए कोटा निर्धारित कर दिया था।
हालांकि, इस दौरान संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। अस्पतालों में बेड न मिलने से बड़ी संख्या में लोगों को होम आइसोलेशन का सहारा लेना पड़ा था। बाद में 5 मई से राज्य में लॉकडाउन लगाया गया था लेकिन विपक्षी दल लगातार यह आरोप लगाते रहे कि लॉकडाउन लगाने में भी देरी कर दी गई।
इस बीच स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि ट्रेन तथा अंतरर्राज्यीय बसों के माध्यम से अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों का उनके गंतव्य स्टेशन, बस अड्डों पर रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से सघन रूप से जांच करायी जाए। जाँच के परिणाम के आलोक में पूर्व में निर्गत निदेशों के आलोक में होम आइसोलेशन में रह रहे या कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य के निरंतर अनुश्रवन की व्यवस्था की जाए।
सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि जिन इलाकों में संक्रमण के मामले पाए जाते हैं वहां सघन जांच करायी जाय तथा संक्रमित व्यक्तियों की पहचान के उपरांत कंटैक्ट ट्रेसिंग निश्चित रूप से की जाए।
कोरोना जांच में तेजी लाने के लिए लक्ष्य निर्धारित
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि लक्ष्य के अनुरूप कोविड जांच का सैंपल संग्रह करना सुनिश्चित करें। जिलों में शत-प्रतिशत कोविड टेस्टिंग कार्य सम्पन्न करना सुनिश्चित करेंगे। किसी भी स्थिति में लक्ष्य से कम जाँच स्वीकार्य नहीं होगा। जिलों में प्रतिदिन 1000 आरटीपीसीआर तथा 90 ट्रूनेट जांच के लिए सैंपल लिया जायेगा। इसके साथ व्यापक स्तर पर रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से प्रखंड जिला व गांव स्तर पर कोरोना की जांच की जायेगी ।
दावा: स्वास्थ्य महकमा अब पूरी तरह से तैयार
उधर सारण के सिविल सर्जन डॉ.जर्नादन प्रसाद सुकुमार ने कहा कि सभी की कोशिश रहनी चाहिए कि कोरोना से बचाव के इंतजाम खुद भी करते रहें। ऐसा करने से तीसरी लहर आने की आशंका को ही कुंद किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "फिर भी यदि कोई आकस्मिक स्थिति हुई तो स्वास्थ्य महकमा अब पूरी तरह से तैयार है।" बता दें कि दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत और सूबे के अस्पतालों में बेड की कमी को लेकर सरकार की काफी आलोचना हुई थी और संक्रमित लोगों और उनके परिजनों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ी थीं।
सिविल सर्जन ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में शून्य से 18 वर्ष तक के लोगों व बच्चों को अत्यधिक रूप से प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की गई है। इस संभावित परिस्थिति में बीमार बच्चों की अनुमानित वृद्धि से निपटने व नियंत्रित करने के लिए पूर्व तैयारी की जा रही है।