Covid 19 : कोरोना मृतकों के परिवार को मिलेगा 50 हजार का मुआवजा, जानें क्या है पूरी प्रक्रिया

Covid 19 : पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कोरोना के दौरान मरने वाले परिवारों को 4 लाख मुआवजा राशि देने की मांग की गई थी...

Update: 2021-09-23 11:34 GMT

Covid 19 जनज्वार।  कोरोना संकटकाल धीरे - धीरे कम हो गया है। लेकिन इस संकटकाल में कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने इन लोगों के लिए मुआवजा राशि जारी की है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (National Disaster Management Authority) ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी दी कि कोरोना काल के दौरान जान गवाने वाले मृतकों के परिवार को सरकार 50,000 का मुआवजा (Compensation) देगी।

पीड़ित परिवारों को सरकार 50000 की मुआवजा राशि देगी। मुआवजे की यह रकम राज्य अपने डिजास्टर रिलीफ फंड (State Disaster Relief Fund) से पीड़ितों के परिजनों को देंगे नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी एनडीआरएफ (NDRF) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कोरोना से हुई मौतों पर मुआवजे की रकम और प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी।।

NDRF देगी 50 हज़ार की सहायता राशि

गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कोरोना के दौरान मरने वाले परिवारों को 4 लाख मुआवजा राशि देने की मांग की गई थी। नियम के मुताबिक प्राकृतिक आपदा से मरने वालों के परिवारों को 4 लाख रुपए मुआवजा मिलता है। लेकिन जिस तादाद में कोरोना से लोगों की मौत हुई है उसके बाद केंद्र सरकार ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र से जवाब मांगा

जिस पर सरकार (Govt) का कहना था कि मुआवजे की इतनी बड़ी रकम देने से सरकार का बड़ा नुकसान होगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दबाव के कारण एनडीआरएफ (NDRF) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पीड़ित परिवारों को 50000 का मुआवजा दिया जाएगा। यह राशि राज्य सरकारों के अधीन काम करने वाली एनडीआरएफ देगी। यह भी कहा गया कि कोरोनावायरस के दौरान कोरोना से होने वाली मौतों के संबंध में मुआवजे की प्रक्रिया जारी रखी जाएगी।

मुआवजे के लिए ऐसे करें आवेदन

मुआवजे के लिए परिवार को जिले के डिजास्टर मैनेजमेंट दफ्तर में आवेदन देना होगा। इस आवेदन के साथ कोरोना से हुई मौत का प्रूफ यानी मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा। मुआवजे की राशि पाने के लिए परिवार के सदस्य की मौत का कारण कोविड-19 के रूप में प्रमाणित करना होगा। गाइडलाइन (Guideline) के अनुसार सिर्फ उन मौतों को कोरोना संक्रमित माना जाएगा, जिनमें मौत से पहले मरीज का आरटीपीसीआर टेस्ट ( RT-PCR Test) या रैपिड एंटीजन टेस्ट (Rapid Antigen Test) किया गया हो।

इसके अलावा किसी हॉस्पिटल या डॉक्टर ने कोरोनावायरस की पुष्टि की हो, हॉस्पिटल और डॉक्टर की रिपोर्ट इस केस में मान्य होगी। जो पीड़ित परिवार होगा उन्हें डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) के जरिए अनुग्रह राशि दी जाएगी। राशि भुगतान के लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (SDRF) का इस्तेमाल किया जाएगा।

गाइडलाइन के अनुसार किसको लाभ मिलेगा

• अगर किसी की मौत कोरोना पॉजिटिव होने के 30 दिन के भीतर हुई हो, उसे कोविड डेथ की लिस्ट में शामिल किया जाएगा।

• कोरोना के उन मामलों में जिनमें मरीज स्वस्थ नहीं हो पाया और उसकी मृत्यु अस्पताल में या घर पर हो गई तो उसे कोविड-19 से हुई मौत ही माना जाएगा।

• जिनके डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है, उनके परिजनों को इसका लाभ मिलेगा।

• कोरोना काल में ऐसे कई लोग थे जिनको दिल या फेफड़े की बीमारी थी और वह कोरोना बीमारी से ग्रस्त होने के कारण नहीं रहे। मगर अस्पताल ने डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना के बजाय बीमारी का जिक्र किया है, ऐसे मरीजों के परिजनों को भी मुआवजे का लाभ मिलेगा लेकिन इसके बारे में सर्टिफिकेट पर स्पष्ट तौर पर जिक्र करना जरूरी है।

• कोरोना पॉजिटिव मरीज ने अगर डिप्रेशन में आकर आत्महत्या की है या किसी हादसे में उनकी मौत हो जाती है तो उसे कोरोना से हुई मौत नहीं माना जाएगा। उनके परिजनों को मुआवजे का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इस पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है।

कैसे मिलेगा डेथ सर्टिफिकेट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मौत और डेथ सर्टिफिकेट से संबंधित विवाद सुलझाने के लिए एक कमिटी बनाने का निर्देश दिया था। इस कमिटी में डीएम, चीफ मेडिकल ऑफिसर, अडिशनल सीएमओ, किसी मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल या मेडिसिन डिपार्टमेंट का प्रमुख भी शामिल होंगे। यह समिति कोरोना से होने वाली मौत के प्रमाण पत्र जारी करेगी।

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