कोविड से चीन के हालात बिगड़ने पर क्लास में भी छात्रों को लगाई जा रही ड्रिप, श्मशानों में 20 दिन वेटिंग : भारतीय मीडिया का दावा
लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने कहा कि चीन में रोजाना 10 लाख केस आ रहे हैं और 5 हजार मौतें हो रही हैं, जबकि चीन के सरकारी आंकड़ों में गुरुवार को सिर्फ 4 हजार केस ही बताए गए...
Covid cases in China : जिस चीन से कभी कोई स्वतंत्र खबर कभी देश से बाहर नहीं आती, उस चीन के बारे में भारतीय मीडिया में भी अतिश्योक्तिपूर्ण खबरों का आना शुरू हो गया है। इन खबरों में दावा किया जा रहा है कि चीन में बच्चों की तबीयत खराब होने के बावजूद उन्हें क्लासरूम में पढ़ाया जा रहा है। चीन में कोरोना से हालात बिगड़ने के इन दावों के बीच स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से चीन में कोरोना का पीक इसी हफ्ते आने की भविष्यवाणी की जा रही है।
लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने कहा कि चीन में रोजाना 10 लाख केस आ रहे हैं और 5 हजार मौतें हो रही हैं, जबकि चीन के सरकारी आंकड़ों में गुरुवार को सिर्फ 4 हजार केस ही बताए गए।
चीन और चाइना कम्युनिस्ट पार्टी पर नजर रखने वाली वाली ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट जेनिफर जेंग ने कुछ ऐसे वीडियो पोस्ट किए हैं, जिनके पुराने या नए होने के बारे में कोई स्पष्टतया नहीं है। इनमें दिख रहा है कि क्लासेस में पढ़ाई के वक्त भी बच्चों को ड्रिप चढ़ाई जा रही है, क्योंकि उनका संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। एक वीडियो में श्मशान में लंबी कतार दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि श्मशानों में अंतिम संस्कार के लिए 20 दिन की वेटिंग है। शंघाई के एक अस्पताल ने अनुमान लगाया है कि चीन में अगले हफ्ते के आखिर तक 2.5 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार चीन में अगले साल तक 10 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि उसे चीन से नए कोरोना मरीजों का कोई डेटा नहीं मिला है। हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, चीनी सरकार कोरोना केसेस की गिनती नहीं कर पा रही है।
चीन के युन्नान प्रांत में म्यांमार से सटे रुइली शहर की सीमा पर मोशन सेंसर और इलेक्ट्रिफाइड फेंसिंग लगाई गई है। चीन के युन्नान प्रांत में म्यांमार से सटे रुइली शहर की सीमा पर मोशन सेंसर और इलेक्ट्रिफाइड फेंसिंग लगाई गई है। चीन के अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं।
सामूहिक अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। इस बीच सरकार ने एक बार फिर बॉर्डर सील करना शुरू कर दिया है। युन्नान प्रांत में म्यांमार से सटे रुइली शहर में सीमा पार करने वालों पर नजर रखने के लिए कैमरे और अलार्म लगा दिए गए हैं। इतना ही नहीं मोशन सेंसर और इलेक्ट्रिफाइड फेंसिंग भी लगाई है। 2021 में भी चीन ने सीमाएं सील कर दी थीं। दूसरे देशों से गैरकानूनी तरीके से आने वाले लोगों को रोकने के लिए सीमा पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी थी। रूस से सटे शहर हीये में कोविड के जिम्मेदार लोगों की सूचना देने पर 15 लाख का इनाम तक रखा गया था। एक अनुमान के मुताबिक, चीन में अगले हफ्ते तक 2.5 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित होंगे।
जापान: 8वीं लहर आई, बच्चों की मौतें ज्यादा
चीन के बाद जापान में कोरोना का खतरा बढ़ गया है। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 8वीं लहर आ चुकी है और ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण बच्चों की मौत हो रही है। 8 महीने में 41 बच्चों की जान जा चुकी है। चीन में बिगड़ते हालात ने जापान की चिंता को बढ़ा दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट जानलेवा साबित हो सकता है। ओमिक्रॉन ने अब तक 41 बच्चों की जान ली है। इनमें से 15 बच्चे पहले से बीमार नहीं थे। इन 15 में से 4 बच्चों की उम्र एक साल से कम थी। 2 बच्चों की उम्र एक से 4 साल के बीच थी और 9 बच्चे 5 साल की उम्र से ज्यादा के थे।
जबकि अमेरिका में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक महामारी की शुरुआत से अब तक अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 करोड़ पार कर गया है। यहां कोरोना के 70% मामलों के लिए ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट्स को ही अहम वजह माना जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक साउथ कोरिया और फ्रांस में पिछले 24 घंटों मेें 1 लाख 25 हजार से ज्यादा नए केस मिले हैं।
साउथ कोरिया में नए केसों की संख्या 75 हजार 744 और फ्रांस में आंकड़ा 49 हजार 517 है। फ्रांस में 120 और साउथ कोरिया में 62 लोगों की जान गई है, तो ब्राजील में भी 24 घंटे में 43 हजार 392 केस सामने आने का दावा किया जा रहा है। यहां 165 मौतें हुई हैं। जर्मनी में 41 हजार 431 केस सामने आए। यहां मौतों का आंकड़ा 187 है। दोनों देशों में मौतों की संख्या 352 है।