विदेशी कंपनियों ने मुनाफ़े और मोटा लाभ कमाने के लिए कथित 'आयोडीनयुक्त' नमक बेचा बाजार में, जबकि सेंधा नमक से बेहतर कुछ भी नहीं सेहत के लिए !

सेंधा नमक के बारे में आयुर्वेद में कहा गया है कि यह आपको इसलिये खाना चाहिए क्योंकि सेंधा नमक वात, पित्त और कफ के विकार को दूर करता है। यह पाचन में सहायक होता है और साथ ही इसमें पर्याप्त पोटेशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है जो हृदय के लिए लाभकारी होता है...

Update: 2025-11-29 09:58 GMT

Rock Salt : नमक मुख्यत: दो प्रकार का होता है। एक होता है समुद्री नमक और दूसरा है सेंधा नमक। सेंधा नमक प्राकृतिक होता है। इसे लाहोरी नमक भी कहते हैं। यह सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया है। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ हैं। यह चट्टान जैसे मोटे मोटे टुकड़ों में होता है। यह हृदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन में मददगार, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने में हल्का होता है। इससे पाचक रस बढ़ते हैं।

भारत में सन 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था। भारत में नमक के व्यापार में आज़ादी के पहले से ही कई बड़ी कंपनियां लगी हुई हैं। सन 1990 से ग्लोबलाईसेशन के बाद कई देसी विदेशी कंपनियों ने अन्नपूर्णा, कैप्टन कुक आदि नाम से समुद्री नमक में आयोडीन मिलाकर बेचना शुरू किया।

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अब समझिए खेल क्या था? खेल यह था कि विदेशी कंपनियों को मुनाफ़े का नमक बेचना और बहुत मोटा लाभ कमाना था। पूरे भारत में एक नई बात फैलाई गई कि आयोडीनयुक्त नमक सेहत के लिए ज़रूरी है। आयोडीन की कमी से बच्चे मंदबुद्धि होते हैं, बच्चों का सही विकास नहीं होता, इत्यादि। यह बात पूरे देश में प्रायोजित ढंग से फैलाई गई और जो नमक किसी जमाने में 2 से 3 रुपये किलो में बिकता था, उसकी जगह आयोडीन वाला नमक 8,10,20 रुपये प्रति किलो बिकने लगा। दुनिया के 56 देशों ने अतिरिक्त आयोडीनयुक्त नमक 40 साल पहले ही प्रतिबंधित कर दिया था। कंपनियों के दबाव में सरकार ने कानून बना दिया कि बिना आयोडीनयुक्त नमक भारत में न तो बिक सकता है और न ही उपयोग किया जा सकता है।

सेंधा नमक के फ़ायदे

सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप और बहुत ही गंभीर बीमारियों पर नियंत्रण रहता है, क्योंकि ये अम्लीय नहीं ये क्षारीय है (alkaline)। क्षारीय चीज जब अमल में मिलती है तो वो न्यूटल हो जाता है और रक्त अमलता खत्म होते ही शरीर के कई रोग ठीक हो जाते हैं, यह नमक शरीर मे पूरी तरह से घुलनशील है। सेंधा नमक की शुद्धता को आप एक और बात से पहचान सकते हैं कि उपवास, व्रत में लोग सेंधा नमक ही खाते हैं। सेंधा नमक के बारे में आयुर्वेद में कहा गया है कि यह आपको इसलिये खाना चाहिए क्योंकि सेंधा नमक वात, पित्त और कफ के विकार को दूर करता है। यह पाचन में सहायक होता है और साथ ही इसमें पर्याप्त पोटेशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है जो हृदय के लिए लाभकारी होता है।

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