Gorakhpur News : गोरखपुर जिला अस्पताल में युवक की डेड बाॅडी को कुतर गये चूहे, CMO बोले कमेटी करेगी मामले की जांच

Gorakhpur District hospital : जब परिजन सीएमओ के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचे तो पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने सीएमओ को बताया कि डीप फ्रीजर सही हैं, जबकि अस्पताल से ही सामने आ रही जानकारी के मुताबिक डीप फ्रीजर खराब होने की वजह से ही मोर्चरी में सुमित का शव बाहर जमीन पर रखा गया था, जहां चूहों ने उसे बुरी तरह कुतर दिया....

Update: 2022-09-22 03:13 GMT

Gorakhpur District hospital : CM योगी के गोरखपुर के जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि रात में ही मोर्चरी में रखी एक लाश को चूहे कुतर जाते हैं। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक गोरखपुर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखी मृत युवक की लाश को चूहे कुतर गये, मगर बावजूद इसके अस्पताल कर्मियों ने उसे डीप फ्रीजर में नहीं डाला। जानकारी के मुताबिक चूहों ने लाश के चेहरे और नाक को बुरी तरह कुतर दिया था। चूहों द्वारा शव कुतरे जाने की जानकारी तब हुई जब परिजनों ने लाश देखी।

इस घटना से गुस्साये परिजनों ने जिला अस्पताल के बाहर प्रदर्शन भी किया और सीएमओ को ज्ञापन देकर इस मामले की जांच करके दोषी कर्मचारियों को कड़ी सजा दिये जाने की मांग की। प्रदर्शन के बाद दबाव में आये सीएमओ ने जांच कमेटी गठित करने के बाद दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।

गौरतलब है कि रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के पोस्ट. बड़गो के सेंदुली.बेंदुली गांव के रहने वाले 21 वर्षीय सुमित गौड़ और 20 वर्षीय महबूब सिद्दीकी बारिश से भरे पंडाल में दुर्गा पूजा के लिए प्रतिमा बैठाने की तैयारी कर रहे थे। ये दोनोंयुवक पंडाल वाली जगह से पानी निकालने के लिए मंगलवार 20 सितंबर को पिकप से पंपिंग सेट लेने गए थे। उसी दौरान खोराबार थानाक्षेत्र के जगदीशपुर फोरलेन पर पिकप का एक्सीडेंट हो गया और दोनों युवकों की मौत हो गयी। काफी रात हो जाने के कारण पुलिस ने दोनों युवकों के शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया था। वहीं रातभर में चूहों ने सुमित की डेड बाॅडी की नाक और चेहरे को बुरी तरह कुतर डाला।

इस घटना का पता तब चला जब बुधवार 21 सितंबर की सुबह सुमित के घरवाले जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में अपने बेटे की लाश लेने आये। परिजनों का कहना है पहले ही एक्सीडेंट के बाद हम अपने बच्चे को खो चुके थे, बाद में अस्पताल की लापरवाही के कारण सुमित के शव के कई हिस्सों को चूहों ने कुतर डाला था। परिजनों का यह भी आरोप है कि जिला अस्पताल का डीप फ्रीजर चल ही नहीं रहा था। शवों को अगर डीप फ्रीजर में रखा जाता तो चूहों ने इतनी बुरी तरह से नहीं कुतरा होता। परिजनों से इस घटना के लिए स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि लापरवाही के कारण यह घटना घटी है, इसलिए दोषी कर्मचारियों पर कड़ा एक्शन लिया जाना चाहिए। नाम न बताने की शर्त पर अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने भी इस बात का खुलासा किया है कि अक्सर यहां इस तरह की घटनायें होती रहती हैं और डीप फ्रीजर खराब पड़ा हुआ है।

इस मामले में एक बात यह भी सामने आयी कि अपनी शिकायत लेकर परिजन सीएमओ कार्यालय से लेकर जिला अस्पताल तक भागते रहे, मगर दोनों जगह से उन्हें दूसरी जगह शिकायत दर्ज कराने की बात कही जाती रही। गुस्साये परिजन मामले की शिकायत लेकर जब सीएमओ कार्यालय पहुंचे तो वहां से जिला अस्पताल में कंपलेंट दर्ज कराने की बात कही गयी। जब डिस्ट्रिक हाॅस्पिटल पहुंचे तो कहा गया कि पोस्टमार्टम हाउस सीएमओ के अधीन आता है, इसलिए शिकायत भी वहीं दर्ज होगी। परिजन एक जगह से दूसरी जगह का चक्कर लगाते रहे, मगर किसी ने भी उन्हें सही जानकारी नहीं दी। मीडिया में खबर आने के बाद परिजन सीएमओ से मिले, तब जाकर उनकी शिकायत दर्ज हुयी।

अब इस मामले में जांच कमेटी बनायी गयी है। सीएमओ आशुतोष दुबे कहते हैं दो युवकों की लाश मोर्चरी में रखने की जानकारी मिली है और चूहों द्वारा शव कुतरने की बात परिजनों ने बताई है। यह मामला बेहद गंभीर है। इसके लिए एडिशनल सीएमओ डॉ. एके चौधरी और डॉ. नंद कुमार के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी गयी है। यह कमेटी दो दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक गोरखपुर जिला अस्पताल परिसर के पोस्टमार्टम हाउस में दो डीप फ्रीजर हैं और इनमें से एक डीप फ्रीजर बहुत दिनों से खराब है, मगर इस बात केी जानकारी वहां काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों ने अधिकारियों को भी नहीं दी थी। जब परिजन सीएमओ के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचे तो पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने सीएमओ को बताया कि डीप फ्रीजर सही हैं, जबकि अस्पताल से ही सामने आ रही जानकारी के मुताबिक डीप फ्रीजर खराब होने की वजह से ही मोर्चरी में सुमित का शव बाहर जमीन पर रखा गया था और महबूब का शव डीप फ्रीजर में था।

हालांकि जिला अस्पताल में चूहों द्वारा लाशें कुतरे जाने का मामला पहली बार सामने नहीं आया है, इससे पहले भी कई ऐसी घटनायें सामने आ चुकी हैं, जो स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती हैं। इससे पहले नवंबर 2018 में झगहां के रहने वाले सपा नेता बेचन प्रसाद की मौत के बाद जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखे गये उनके शव को लावारिस हालत में छोड़ दिया गया था और उसे भी चूहों ने बुरी तरह कुतर दिया था। जनवरी 2019 में विवेक कुमार नाम के शख्स की लाश को भी चूहों ने कुतर डाला था। इसके अलावा लावारिस हालत में मिली एक युवक की लाश को तो बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चीटियों ने ही काट डाला था। इसके अलावा 2021 में बीआरडी में एक व्यक्ति के शव को कुत्तों ने काट खाया था, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

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