यूपी : 13 साल पहले लाखों की लागत से गांव में बना सरकारी अस्पताल, आजतक नहीं पहुंचा कोई डॉक्टर

ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह अस्पताल चालू हो जाए तो लगभग 10 से अधिक गांव के लोगों फायदा होता। उसके बावजूद भी इसे कोविड-19 दूसरी लहर में भी शुरू नहीं किया गया....

Update: 2021-05-31 14:30 GMT

(13 साल पहले प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया था)

जनज्वार डेस्क। उत्तर प्रदेश इस समय कोरोना महामारी के संकट के दौर से गुजर रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का क्या है इसकी बानगी बुलंदशहर की खुर्जा तहसील के गांव दिनोल के प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिलेगी। इस स्वास्थ्य केंद्र को बने हुए 13 साल हो चुके हैं लेकिन इसकी तरफ कभी किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। नतीजतन इतने वर्षों में आज तक कोई स्वास्थ्यकर्मी वहां नहीं बैठा। 

ग्रामीणों के मुताबिक लाखों रुपए की लागत से बनी बिल्डिंग भी आज जर्जर हालत में है। अभी तक भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किसी का ध्यान नहीं दिया गया है। कोरोना काल में ग्रामीण स्वास्थ्य चिकित्सा के लिए तरस रहे हैं। यहां तक कि कोरोना की दूसरी लहर में निजी अस्पताल को भी कोविड हॉस्पिटल के नाम पर तब्दील किया गया था। लाखों की लागत से बना प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र जर्जर हालत में है।

ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह अस्पताल चालू हो जाए तो लगभग 10 से अधिक गांव के लोगों फायदा होता। उसके बावजूद भी इसे कोविड-19 दूसरी लहर में भी शुरू नहीं किया गया। हैं। ग्रामीण बलराम भाटी, शिव कुमार, नवीन तोमर रविंद्र कुमार ने बताया कि गांव की 3 हजार आबादी है।

13 साल पहले प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया था। लेकिन किसी ने भी तरफ ध्यान नहीं दिया। कई बार स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाने की मांग भी की जा चुकी है।

वहीं सीएमओ का कहना है कि मामला संज्ञान में लाया गया है। इस मामले को चेक कराया जा रहा है। किस कारण यह अभी तक अस्पताल चालू नहीं हुआ है इस बात की जानकारी की जा रही है।

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