Health News : डायबिटीज टाइम बम के मुहाने पर बैठा है भारत, 2045 तक 12 करोड़ होंगे इसके मरीज
Health News : मधुमेह रोगियों ( diabetes patients ) की संख्या में बढ़ोतरी का मतलब हृदय रोग और स्ट्रोक व अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की एक पूरी श्रृंख्ला में बढ़ोतरी का खतरा होना।
Health News : देश में तेजी से डायबिटीज के मरीजों ( diabetes patients ) की संख्या बढ़ोतरी बड़े खतरे के संकेत दे रहे हैं। सीएनएन एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2045 तक भारत में मधुमेह ( diabetes ) से पीड़ित लोगों की संख्या 120 मिलियन यानि 12 करोड़ से अधिक होने की संभावना है। चिंता की बात यह है कि मधुमेह रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी का मतलब हृदय रोग और स्ट्रोक व अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की एक पूरी श्रृंख्ला में बढ़ोतरी का खतरा होना। ऐसा इसलिए कि डायबीटिज अपने साथ कई अन्य बीमारियों को भी लाती है।
डायबिटीज कंसलटेशन में 46% की बढ़ोतरी
प्रैक्टो इनसाइट्स की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक डायबिटीज को लेकर कुछ आंकड़े जारी किए हैं जो बेहद चौंकाने वाले और डरावने हैं। ये आंकड़े आपको चेताते हैं कि आप अपने खान-पान और रहन-सहन पर एक पल गंवाए बगैर अमल करें। प्रैक्टो इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सालाना आधार पर (अक्टूबर 2020 से सितंबर 2021 बनाम अक्टूबर 2021 से सितंबर 2022) मधुमेह परामर्श में 44% की वृद्धि दर्ज हुई है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह भी है कि युवा डायबिटीज के मरीज बनते जा रहे हैं। इस अवधि के दौरान 25 से 34 आयु वर्ग के युवा भारतीयों ने अधिकतम परामर्श लिया। ये आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस आयु वर्ग के युवा भारतीयों के परामर्श में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ये हैं डायबिटीज में बढ़ोतरी के कारण
डॉक्टरों के मुताबिक डायबिटीज ( Diabetes ) के मामलों में इतनी बढ़ोतरी होने के कई कारण हैं। इनमें खराब जीवनशैली, व्यायाम की कमी या खाने की खराब आदतें शामिल हैं, जो मुख्य रूप से युवा भारतीयों में मधुमेह के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। 25-34 आयु वर्ग के युवा भारतीयों ( Young Indian ) ने कुल परामर्श का 50 प्रतिशत हिस्सा लिया। यह सालाना आधार पर 46 फीसदी की बढ़ोतरी है। 18-24 वर्ष के आयु वर्ग की कुल परामर्श में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जिसमें 91 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
कुल परामर्शों में 35 से 44 वर्ष के आयु वर्ग का हिस्सा 33 प्रतिशत था। इसमें 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। 45 से 54 वर्ष के आयु वर्ग में 18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कुल परामर्श का 8 प्रतिशत हिस्सा था। 54 वर्ष से अधिक आयु के लोगों ने कुल परामर्शों का 4 प्रतिशत हिस्सा लिया जिसमें 0.41 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।