Jharkhand News : 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से निकले 8 अविकसित भ्रूण, डॉक्टरों ने बताया अजूबा

Jharkhand News : झारखंड के रांची के एक अस्पताल में 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से बीते बुधवार को आठ भ्रूण निकाले गए, रामगढ़ की रहने वाली इस नवजात का जन्म 10 अक्टूबर को हुआ था...

Update: 2022-11-03 10:00 GMT

Jharkhand News : 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से निकले 8 अविकसित भ्रूण, डॉक्टरों ने बताया अजूबा

Jharkhand News : झारखंड से चौंका देने वाली खबर सामने आई है। यहां रांची के एक अस्पताल में 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से बीते बुधवार को आठ भ्रूण निकाले गए। रामगढ़ की रहने वाली इस नवजात का जन्म 10 अक्टूबर को हुआ था। अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि सीटी स्कैन के बाद लगा कि उसके पेट में ट्यूमर है। इलाज के लिए बच्चो को रानी अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन जब ऑपरेशन हुआ तो उसके पेट से आठ अविकसित भ्रूण निकाले गए। मेरा दावा है कि ये दुनिया का पहला मामला होगा, जब पेट से आठ भ्रूण निकाले गए हैं। इसे फीटस इन फीटू कहते हैं। यह बहुत ही रेयर कंडीशन है। इसके दुनिया भर में 200 से भी कम केस मिले हैं। वह भी पेट से एक भ्रूण निकाला गया है, लेकिन 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से आठ भ्रूण निकालते समय अचंभा रह गया।

राज्य का यह पहला मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रांची के रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के डॉक्टरों का दावा है कि राज्य में ये पहला मामला है। डॉक्टरों ने बताया कि फीट्स इन फीटू के कारण में पेट में भ्रूण बन जाता है। साथ ही डॉक्टरों ने कहा कि देश में फीटस इन फीटू के महज 10 केस ही रिकॉर्ड किए गए हैं। डॉक्टरों ने बताया कि हाइली डिफरेंशिएटेड टेराटोमा भी एक कारण हो सकता है। टेराटोमा को जर्म सेल्स ट्यूमर भी कहते हैं, यानी एक ऐसा ट्यूमर जिसमें दांत, बाल वगैरह दिखते हैं। इसमें ये सेल्स बच्चे के अंदर जाते हैं और एक भ्रूण का फॉर्म लेते हैं। ये जुड़वां बच्चा अपने ही भाई या बहन के पेट में पलता है।

10 लाख बच्चों में से एक में मिलता है रेयर केस

वहीं इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि यह रेयर कंडीशन है। यह 10 लाख बच्चों में से किसी एक को होता है। भारत में अब तक महज 10 ही ऐसे मामले दर्ज हैं। फीटस इन फीटू में बच्चे के पेट में ही बच्चा बनने लगता है। गर्भ में एक से ज्यादा बच्चे पल रहे होते हैं तो भ्रूण के विकास के दौरान जो सेल्स बच्चे के अंदर चले गए, वो भ्रूण बच्चे के अंदर बनने लगता है।

जानकारी के लिए बता दें कि बच्चे में सेल्स कैसे अंदर जाता है, इसका कोई पुख्ता कारण नहीं है। जो भी कारण बताए जाते हैं वे सिर्फ अनुभव के आधार पर ही हैं। लक्षणों की बात की जाए तो जब बच्चा पैदा हो जाता है तो पेल्विस यानी पेडू के हिस्से में सूजन रहती है, एक लंप रहता है। पेशाब आना बंद हो जाता है। बहुत दर्द होता है। इन लक्षणों के बाद डॉक्टर जांच करते हैं, जिससे इसका पता चलता है।

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