Jharkhand News : अस्पताल में महिला ने किया जमकर हंगामा, डॉक्टरों पर लगाया बिना अनुमति कॉपर-टी लगाने का आरोप, कहा - परेशानी दिखाने आई तो कहे अपशब्द

Jharkhand News : झारखंड के रांची के सदर अस्पताल के गाइनी विभाग में परामर्श लेने पहुंची एक महिला ने चिकित्सक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया, महिला फरहत जबी ने बिना अनुमति कॉपर-टी लगाने का आरोप भी चिकित्सकों पर लगाया...

Update: 2022-09-08 09:27 GMT

Jharkhand News : अस्पताल में महिला ने किया जमकर हंगामा, डॉक्टरों पर लगाया बिना अनुमति कॉपर-टी लगाने का आरोप, कहा - परेशानी दिखाने आई तो कहे अपशब्द

Jharkhand News : झारखंड के रांची के सदर अस्पताल के गाइनी विभाग में परामर्श लेने पहुंची एक महिला ने चिकित्सक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। महिला फरहत जबी ने बिना अनुमति कॉपर-टी लगाने का आरोप भी चिकित्सकों पर लगाया। महिला का आरोप है कि वह अपनी समस्या डॉ वसुधा को बता रही थी, तभी चिकित्सक उस पर झल्ला गईं और आपत्तिजनक बातें कहने लगीं। साथ ही उन्होंने देखने से मना कर दिया।

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, पिठोरिया की महिला मरीज फरहद जबी चेकअप कराने पहुंची थी। उसने आरोप लगाया कि कॉपर-टी लगाने से उसे परेशानी हो रही थी। इसी का इलाज कराने जब वह डॉ. वसुधा के पास पहुंची तो उन्होंने आपत्तिजनक बातें कही। कहा- फिर से गर्भवती होना चाहती हो, इसलिए काॅपर-टी हटवाना चाहती हो। उसके आपत्ति जताने पर डॉक्टर ने और भला-बुरा कहा।

Full View

बिना अनुमति कॉपर टी लगाने का आरोप

मरीज फरहद जबीं ने बताया कि छह माह पहले सदर अस्पताल में उसने बेटी को जन्म दिया था। उसी दौरान बिना इजाजत के डाॅक्टर ने कॉपर-टी लगा दी। इससे उसे समस्या हो रही थी। इसी को दिखाने के लिए वह सदर अस्पताल पहुंची, लेकिन डॉक्टर ने और बच्चे पैदा करने के लिए कॉपर-टी हटाने की बात कहकर दुत्कारा। उसने आपत्ति जताई तो मामला बढ़ता चला गया।

बिना अनुमति नहीं लगाई जाती कॉपर टी : डॉक्टर

वहीं इस मामले में डॉ. वसुधा ने कहा कि हमलोग मरीज का धर्म देखकर इलाज नहीं करते। बिना अनुमति लिए न तो ऑपरेशन होता है और न ही कॉपर-टी लगाई गई होगी। अस्पताल के रिकॉर्ड में सभी चीजें दर्ज होती हैं। हकीकत खुद दिख जाएगा।

महिला ने परिजनों के साथ किया धरना प्रदर्शन

वहीं चिकित्सक व नर्सों ने महिला पर हाथापाई का आरोप लगाया है। इसे लेकर वहां 3 घंटे तक हंगामा होता रहा। कुछ स्थानीय लोगों के साथ मिलकर महिला ने अपने पति व बच्चे के साथ अस्पताल के मेन गेट को जाम कर दिया। महिला के पति ने कहा कि उनके साथ अभद्रता की गई। वहीं मामला बढ़ता देख लोअर बाजार थाना पुलिस ने सिविल सर्जन के साथ मिलकर मामले को शांत कराया।

300 मरीज बिना इलाज के घर लौटे

बता दें कि सदर अस्पताल में बुधवार को विवाद के कारण ओपीडी में पहुंचे 300 मरीजों को बिना इलाज के लौट जाना पड़ा। तीन घंटे बवाल, हो-हंगामा के कारण डॉक्टर और नर्सें गायब हो गईं, वहीं महिला मरीज के परिजन धरने पर बैठ गए। महिला मरीज ने मामले की जानकारी अपने परिचितों को दी तो बड़ी संख्या में स्थानीय लोग अस्पताल पहुंच गए और हंगामा करने लगे। मामला बढ़ता देख ओपीडी में मरीजों की जांच कर रहे डाॅक्टर, नर्स समेत अन्य मेडिकल कर्मचारी वहां से निकलकर गायब हो गए। लोअर बाजार पुलिस पहुंची तो मरीज के परिजन अस्पताल के मेन गेट पर नारेबाजी करने लगे। साथ ही डॉक्टर पर आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग करने लगे।

सिजेरियन ऑपरेशन के कारण लगाई गई थी कॉपर टी

विशेषज्ञों का कहना है कि छह माह पहले मरीज का सिजेरियन ऑपरेशन हुआ था। इस दौरान उन्हें कॉपर-टी लगाया गया था, क्योंकि तीन माह में दोबारा गर्भधारण कर लेने से बच्चेदानी फट सकती थी। कॉपर-टी की अवधि तीन से पांच साल तक की होती है। चिकित्सकों का यह भी कहना है कि सिजेरियन कराने वाली सभी महिलाओं के ऑपरेशन के बाद बच्चेदानी के खतरे को देखते हुए कॉपर-टी लगाया जाता है।

Tags:    

Similar News