बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम 40 हजार से भी अधिक आबादी वाला मालधन, इलाज के अभाव में दम तोड़ते मरीज

Ramnagar news : मालधन में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं का इतना ज्यादा अभाव है कि प्रसव और छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी मरीजों को शहरों की तरफ भागना पड़ता है और इलाज न मिल पाने के कारण रास्ते में ही कई मरीज की मृत्यु भी हो जाती है, जो सिर्फ अखबारों की सुर्खियां बनकर रह जाते हैं...

Update: 2024-01-08 13:44 GMT

रामनगर। उत्तराखण्ड स्थित रामनगर का मालधन इलाका लंबे समय से स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम है। इसके खिलाफ लगातार क्षेत्र के लोग आंदोलनरत हैं और जरूरी स्वास्थ्य सुविधायें दिये जाने की मांग राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार से कर रहे हैं।

अब क्षेत्र के लोगों ने मालधन ​सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रिक्त पदों पर चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति पैथोलॉजी,एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड मशीनों आदि की उपलब्धता की मांग को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बैलपड़ाव का घेराव कर एक माह में मांगें पूरी न होने पर 8 फरवरी को सामूहिक उपवास व आंदोलन की चेतावनी दी है।

महिला एकता मंच ने इस संबंध में एक ज्ञापन दिया है। ज्ञापन स्वीकार कर चिकित्सा अधीक्षक ने आश्वासन दिया कि प्रशासन जनता की मांगों को लेकर गंभीर है और सरकार रिक्त पदों को भर रही है। पहला स्टाफ हम मालधन सामुदायिक अस्पताल में भेजेंगे तथा ऐक्स-रे की मशीन की बात हो चुकी है, वह भी मालधन अस्पताल में जल्द ही उपलब्ध होगी। अल्टासाउंड की मशीन को लेकर उन्होंने बताया कि हम अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी जल्द ही उपलब्ध करवाएंगे, वर्तमान में दो बार गाड़ी भेजकर मालधन में अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

महिला एकता मंच ने क्षेत्र की जनता की मांगों को सामने रखते हुए कहा है कि मालधन क्षेत्र में 40 हजार से भी अधिक आबादी है और उनके इलाज के लिए एकमात्र सामुदायिक अस्पताल ही है और उसमें भी बुनियादी सुविधाओं किाअभाव है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी लैब, 24 घंटे इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध कराए जाने के मानक हैं तथा नियमानुसार बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन, निश्चेतक व प्रसव तथा इमरजेंसी सुविधाएं मरीजों को मिलनी चाहिए।

इस दौरान अपनी बात रखते हुए भगवती ने कहा कि मालधन के अस्पताल में मरीजों को दवाइयां भी अस्पताल से मिलनी चाहिए‌। प्रसव व छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी मरीजों को शहरों की तरफ भागना पड़ता है और इलाज न मिल पाने के कारण रास्ते में ही मरीज की मृत्यु भी हो जाती है।

वहीं गीता आर्य ने कहा कि मालधन क्षेत्र की जनता पिछले 4 सालों से बुनियादी सुविधाओं की मांग सरकार के समक्ष उठा रही है, परंतु सरकार एवं प्रशासन अस्पताल में चिकित्सकों की नियुक्ति करने व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की जगह पत्राचार करके खानापूर्ति कर रहा है।

विनीता ने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज की गई हैं और सरकार जनता की शिकायतों पर भी कार्यवाही नहीं कर रही है। महिला एकता मंच ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक मालधन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मानकों के अनुरूप सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कर दी जातीं, जनता का आंदोलन जारी रहेगा।

मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा कि आगामी 8 फरवरी को बड़ी से बड़ी संख्या में लोग उपवास व आन्दोलन करने को विवश होंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन व सरकार की होगी।

इस दौरान गीता आर्या, भगवती, विनिता, लक्ष्मी देवी, सरस्वती जोशी,कौशल्या चुनियाल, ललिता रावत, ठेका का मजदूर कल्याण समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा, किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती, उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के नेता प्रभात ध्यानी आदि उपस्थित रहे।

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