एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन लगवाने वाले कई लोग हो रहे दुर्लभ टीटीएस सिंड्रोम से पीड़ित, हार्ट अटैक-स्ट्रोक समेत कई बीमारियों का खतरा
TTS Syndrome : टीटीएस एक बहुत ही दुर्लभ दुष्प्रभाव है, जो एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ लोगों में देखा गया है। एस्ट्राज़ेनेका COVID-19 वैक्सीन को ऑस्ट्रेलिया ने प्रतिबंधित कर दिया है...
What is Thrombocytopenia Syndrome : थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) शरीर में खून में खून के थक्के जमने की वजह बनती है. बॉडी में ब्लड क्लॉट बनने के चलते व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट होने की आशंकाएं बढ़ जाती है. इसके अलावा यह सिंड्रोम बॉडी में प्लेटलेट्स गिरने का एक कारण भी बन सकती है.
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस क्या है?
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस एक बहुत ही दुर्लभ सिंड्रोम है। यह तब होता है जब किसी व्यक्ति में कम प्लेटलेट काउंट (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) के साथ रक्त के थक्के (थ्रोम्बोसिस) होते हैं। इसे 'वैक्सीन-प्रेरित इम्यून थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया'(वीआईटीटी) भी कहा जाता है।थ्रोम्बोसिस रक्त के थक्के का निर्माण है, जो प्रभावित रक्त वाहिका में सामान्य रक्त प्रवाह को कम कर सकता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया एक ऐसी स्थिति है जहां रक्त में पर्याप्त प्लेटलेट्स नहीं होते हैं। प्लेटलेट्स आमतौर पर रक्त को जमने में मदद करते हैं, जो आपको अत्यधिक रक्तस्राव से बचाता है।
टीटीएस एक बहुत ही दुर्लभ दुष्प्रभाव है, जो एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ लोगों में देखा गया है। एस्ट्राज़ेनेका COVID-19 वैक्सीन को ऑस्ट्रेलिया ने प्रतिबंधित कर दिया है।
गौरतलब है कि कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अदालत में स्वीकार किया था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन में थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) नामक एक दुर्लभ दुष्प्रभाव पैदा करने की क्षमता है। एस्ट्राजेनेका जिसने वैक्सीन बनाने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ सहयोग किया था, वर्तमान में एक मुकदमे से निपट रही है जिसमें दावा किया गया है कि उनके टीके से उन लोगों की मृत्यु हुई है और उन्हें गंभीर नुकसान हुआ है जिन्होंने इसे लगवाया था।
पिछले साल, दो बच्चों के पिता जेमी स्कॉट ने खून के थक्के से पीड़ित होने के बाद कानूनी रास्ता अख्तियार किया था। उन्होंने दावा किया था कि कोविड 19 की वैक्सीन लगवाने के बाद वह काम करने में असमर्थ हो गए। स्कॉट ने कहा कि अप्रैल 2021 में टीकाकरण के बाद उनके मस्तिष्क में "खून का थक्का जम गया और रक्तस्राव हुआ", जिससे उन्हें स्थायी मस्तिष्क क्षति हुई। स्कॉट की पत्नी केट ने भी मीडिया को बताया कि, "चिकित्सा जगत ने लंबे समय से स्वीकार किया है कि वैक्सीन-प्रेरित प्रतिरक्षा थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और थ्रोम्बोसिस (VITT) वैक्सीन के कारण होता है।"
ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट तक मामला पहुंचने के बाद स्वीकारा था कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हालांकि ऐसा बहुत रेयर (दुर्लभ) मामलों में ही होगा। एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई है। ब्रिटिश मीडिया टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं। पीड़ितों ने एस्ट्राजेनेका से करीब 1 हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है।
ब्रिटिश हाईकोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों में कंपनी ने माना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है। इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।
टीटीएस के कारण रक्त के थक्के शरीर के विभिन्न हिस्सों में हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:-
मस्तिष्क (सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस या सीवीएसटी कहा जाता है)
पेट(स्प्लेनचेनिक नस थ्रोम्बोसिस)
फेफड़े (फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता)
अंग शिराएँ(गहरी शिरा थ्रोम्बोसिस(DVT))
धमनियां (धमनी थ्रोम्बोसिस)
टीटीएस का कारण बनने वाली प्रक्रिया को पूरी तरह से समझा नहीं गया है। इसे हेपरिन-प्रेरित थ्रोम्बोसाइटोपेनिया(HIT) के समान माना जाता है। यह हेपरिन नामक दवा की एक दुर्लभ प्रतिक्रिया है जो प्लेटलेट्स के काम करने के तरीके को प्रभावित करती है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस के लक्षण क्या हैं?
मस्तिष्क को प्रभावित करने वाले टीटीएस के लक्षणों में शामिल हैं:
लगातार सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, बोलने में कठिनाई, तंद्रा, दौरे या भ्रम, शरीर के बाकी हिस्सों को प्रभावित करने वाले टीटीएस के लक्षणों में शामिल हैं:-
सांस लेने में दिक्क्त, छाती में दर्द, पैर में सूजन, लगातार पेट में दर्द होना, इंजेक्शन की जगह से दूर, त्वचा के नीचे छोटे रक्त के धब्बे इत्यादि। (हील इनिशिएटिव)