Monkeypox Alert In Uttarakhand : मंकीपॉक्स वायरस को लेकर उत्तरखंड में अलर्ट, विदेश से आने वालों की होगी निगरानी, जारी हुई ये एडवाइजरी
Monkeypox Alert In Uttarakhand : दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) मिलने के बाद अब उत्तराखंड (Uttarakhand ) में इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है, सभी अस्पतालों को ओपीडी में आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग के साथ ही लक्षण दिखने पर तत्काल उच्च स्तर पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है...
Monkeypox Alert In Uttarakhand : दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) मिलने के बाद अब उत्तराखंड (Uttarakhand ) में इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है। सभी अस्पतालों को ओपीडी में आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग के साथ ही लक्षण दिखने पर तत्काल उच्च स्तर पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
मंकीपॉक्स को लेकर जारी की गई ये एडवाइजरी
स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा जारी एडवाइजरी में प्राइवेट अस्पतालों को भी मंकीपॉक्स के संदर्भ में निर्देश जारी किए गए है। उनसे कहा गया है कि किसी भी मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर इसकी जानकारी जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी को सूचित करें। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीम को विदेश से आने वाले लोगों पर नजर रखने को कहा गया है। साथ ही प्रभावित देशों से आने वाले लोगों पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए गए है।
विदेशों से आने वालों की होगी स्क्रीनिंग
सवास्थ्य विभाग के अधिकारीयों ने बताया है कि जिस देशों में मंकीपॉक्स के मरीज मिले हैं। वहां से यदि कोई आता है तो उन लोगों की स्क्रीनिंग भी कराई जाएगी। लक्षण दिखने पर आइसोलेट करने व उनके सैंपल जांच को पुणे की वायरोलॉजी लैब भेजने के निर्देश दिए गए हैं। डीजी हेल्थ डॉक्टर शैलजा भट्ट ने इस संदर्भ में सभी सीएमओ व सीएमएस को निर्देश भेज दिए हैं।
कैसे फैलता है ये वायरस
विशेषज्ञ मानते हैं कि मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति (Monkeypox Cases) के करीब जाने से फैलता है। यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश करता है। यह संक्रमित बंदर, गिलहरी या मरीज के संपर्क में आए बिस्तर और कपड़ों से भी फैल सकता है।
क्या है मंकी पॉक्स के लक्षण
यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के मुताबिक मंकी पॉक्स के शुरुआत लक्षण बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी होना, थकान सूजी ग्रंथियां हैं। इसके बाद चेहरे पर एक तरह के दाने उभरने लगते हैं जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं और आखिर में पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।
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