Monkeypox Virus : दिल्ली के बाद यूपी के औरैया में मंकीपॉक्स का मरीज मिलने से हड़कंप

Monkeypox Virus : Monkeypox Virus : दिल्ली के बाद यूपी के औरैया जिले में मंकीपाक्स का एक संदिग्ध मरीज मिलने से अस्पताल प्रशासन में हडकंप मच गया...

Update: 2022-07-25 12:20 GMT

Monkeypox Virus : दिल्ली के बाद यूपी के औरैया में मंकीपाक्स का मरीज मिलने से हड़कंप

Monkeypox Virus :  दिल्ली के बाद यूपी के औरैया जिले में मंकीपाक्स का एक संदिग्ध मरीज मिलने से अस्पताल प्रशासन में हडकंप मच गया। चिकित्सकों ने महिला मरीज का नमूना लेकर जांच परीक्षण के लिए लखनऊ भेज दिया। चिकित्सक मंकीपाक्स के मिले लक्षणों के आधार पर मरीज का इलाज कर रहे है। मरीज को सावधानी बरतने के सुझाव दिये गये है।

औरैया जिले के जवाहरपुर के बिधूना की रहने वाली 35 वर्षीय महिला इलाज के लिए अस्पताल आयी थी। मरीज को मंकीपाक्स के लक्षण मिलने से हडकंप मच गया। जिले मे संदिग्ध मरीज मिलने के बाद डॉक्टरों ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है।डॉक्टरों ने हालांकि लोगों से कहा है कि इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।

परिजनों के मुताबिक महिला पिछले एक सप्ताह से बीमार चल रही थी , बीमारी के दौरान महिला प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहीं थी ,रविवार को महिला एक पूर्व चिकित्सा अधिकारी को दिखाने पहुंची। जहां पर चिकित्सक ने महिला में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण दिखने पर इसकी जानकारी सीएमओ को देते हुए महिला को सीएचसी भेज दिया। जहां पर जिला अस्पताल से डाक्टरों की आई टीम ने महिला का सैंपल लिया। सैंपल जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा गया। फिलहाल महिला मरीज को बचाव के साथ रहने के निर्देश के साथ उसके घर पर भेज दिया गया है। परिजनों ने यह भी बताया कि महिला को सप्ताह भर से बुखार आ रहा था। महिला प्राइवेट डाक्टर से उपचार करा रही थी आराम ना मिलने पर उसने कई चिकित्सकों को दिखाया। फिर भी आराम ना मिलने पर वह रविवार को बाईपास रोड स्थित एक पूर्व चिकित्सा अधिकारी से दवा लेने गई। जहां पर पूर्व चिकित्सा अधिकारी ने महिला के शरीर पर छोटे-छोटे धब्बे देखे। महिला ने हाथ और पैर के तलवों में तेज दर्द बताया। जिस पर पूर्व चिकित्सा अधिकारी ने महिला में संभावित मन्कीपाक्स के लक्षण मानते हुए इस बात की जानकारी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन को फोन पर दी। ऐतिहातीयन महिला को सैंपल लेकर जांच कराने की बात कही। साथ ही महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधूना पर भेज दिया। मरीज के मिलते वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और जिले का स्वास्थ्य महकमा सक्रिय हो गया।

सीएमओ डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि महिला का सैंपल लेने के लिए जिला अस्पताल से डॉ० सरफराज को बिधूना भेजा गया। जिन्होंने मृदुल अस्पताल पहुंचकर डॉ० संकल्प दुबे और एलटी अंकिता त्रिपाठी के सहयोग से महिला के शरीर के धब्बों आदि का सैंपल लिया। उन्होंने बताया लिये गये सैंपल को जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा जाएगा।

इस बावत अस्पताल के अधीक्षक डॉ सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि महिला में संभावित मंकीपॉक्स के बीमारी को देखते हुए उसका सैंपल लिया गया है। जिसे जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा जाएगा। बताया कि अभी महिला को बचाव के निर्देश के साथ उसके घर वापस भेज दिया गया है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, विश्व स्तर पर, अफ्रीका में पांच मौतों सहित 75 देशों से मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय ने शनिवार को भी संक्रमण को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया। मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जिसे आमतौर पर त्वचा के घावों के साथ बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स से पहचाना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि, यह एक आत्म-सीमित बीमारी है और मरीज चार सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं।फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्ट्टियूट में इंटरनल मेडिसीन के डॉक्टर श्री बालाजी ने कहा, "सबसे पहले, हमें यह समझना होगा कि घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि मंकीपॉक्स एक हल्का संक्रमण है, जिसमें चेचक के समान लक्षण होते हैं. " सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसीन,एम्स के अतिरिक्त प्रोफेसर हर्षल साल्वे ने कहा, "मंकीपॉक्स मनुष्यों में श्वसन बूंदों और रोगियों के शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क से फैलता है। अस्पताल की निगरानी और मामलों में आइसोलेशन संक्रमण के प्रसार का मुख्य हस्तक्षेप या रोकथाम है.घबराने की जरूरत नहीं है। रविवार को जारी एक बयान में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली का 34 वर्षीय पुरुष रोगी वर्तमान में लोक नायक अस्पताल के एक निर्दिष्ट आइसोलेशन में ठीक हो रहा है। उन्होंने कहा, "करीबी संपर्कों की पहचान की गई है और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार आइसोलेशन में हैं। रिपोर्ट किए गए मंकीपॉक्स के मामलों में, संचरण मुख्य रूप से निकट शारीरिक संपर्क के माध्यम से होता है, जिसमें यौन संपर्क भी शामिल है। संक्रमण दूषित सामग्री जैसे लिनेन, बिस्तर, इलेक्ट्रॉनिक्स और संक्रामक त्वचा कणों को ले जाने वाले कपड़ों से भी हो सकता है।

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