कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस भी ले रहा लोगों की जान, लगातार बढ़ रहा खतरा
यह बहुत हद तक एक जानलेवा इंफेक्शन है, इस इंफेक्शन के कारण रोगियों की आंखों की रोशनी जाने और जबड़े व नाक की हड्डी गलने का खतरा रहता है...
जनज्वार। कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगल इन्फेक्शन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है। देश के विभिन्न राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह बहुत हद तक एक जानलेवा इंफेक्शन है। इस इंफेक्शन के कारण रोगियों की आंखों की रोशनी जाने और जबड़े व नाक की हड्डी गलने का खतरा रहता है।
इस बीमारी में मरीज को सीधे आईसीयू में भर्ती करना होता है। ब्लैक फंगल इन्फेक्शन के कारण होने वाली मौतों की संख्या काफी ज्यादा है। अब तक तक देश के 10 राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, यूपी, बिहार, हरियाणा में ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं। ब्लैक फंगस के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
क्या है ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है जो कोविड-19 से पीड़ित मरीजों को प्रभावित कर रहा है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार म्यूकरमाइकोसिस एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स के ग्रुप जिसे micromycetes कहते हैं के कारण होता है। यह तीव्र गति के साथ फैलता है। अत्यधिक कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में यह आसानी से फैलता है।
कोविड-19 इस फंगल को आसानी से फैलने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। यह फंगल वातावरण में प्राकृतिक तौर पर पाया जाता है। हवा में मौजूद यह फंगल स्पोर्स यानी फफूंद बीजाणु सांस के जरिए हमारे फेफड़ों और साइनस में पहुंचकर उन पर असर डालते हैं। यह शरीर में लगे घाव या किसी खुली चोट के जरिए भी प्रवेश कर सकते हैं।
ब्लैक फंगस के इंफेक्शन के दौरान चेहरे पर सूजन खासकर आंखों और गालों के आसपास, नाक बहना, नाक बंद रहना, सर दर्द कुछ सामान्य लक्षण हैं। यह फंगल इन्फेक्शन एक दुर्लभ इंफेक्शन था लेकिन अब कोविड-19 के चलते यह सामान्य होता जा रहा है।
राज्यों में लगातार बढ़ रहे फंगल इंफेक्शन के मामले
गुजरात में अब तक ब्लैक फंगस के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें कई मरीज अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं। महाराष्ट्र में अब तक 2000 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं। राजस्थान में भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आये हैं। राजस्थान में 14 से अधिक मामले सामने आये हैं। मध्य प्रदेश में भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आने लगे हैं। अब तक राज्य में 50 से अधिक मामले सामने आये हैं। तेलंगाना के हैदराबाद में अब तक 60 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। कर्नाटक में पिछले 2 हफ्तों में 38 मामले सामने आये हैं।
देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने ट्विटर पर चार स्लाइड शेयर किये है, जिसमें ब्लैक फंगस के बारे में जानकारी दी गई है।
उन्होंने कहा है- "जागरूकता और जल्दी पहचान फंगल इन्फेक्शन को फैलने से रोक सकता है।" सरकार के अनुसार वह ब्लैक फंगस को काबू करने के लिए कई कदम उठा रही है। इसके इलाज के लिए Amphotericin B की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। कोरोना की दूसरी वेव से लड़ने में फेल रही सरकार को ब्लैक फंगस से लड़ने के लिये युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है।