कोरोना से ठीक हुए मरीज फिजियोथेरेपी जरूर करवाएं : डॉ. राजीव

फिजियोथेरेपी कोरोना के संक्रमण को झेल चुके लोगों के लिए बेहद जरूरी है। कोरोना संक्रमण के कारण मरीजों के सीने और फेफड़ों में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है, ऐसे में लोगों में सांस फूलने की शिकायत दिखे तो चेस्ट फिजियोथेरेपी बहुत कारगर साबित हो सकता है....

Update: 2020-09-08 14:27 GMT

फिजियोथेरेपी के चिकित्सक डॉ राजीव ने कहा कि कोरोना मरीजों को ठीक होने के बाद फिजियोथेरेपी जरूर करानी चाहिए

पटना। पटना के चर्चित फिजियोथेरेपी के चिकित्सक डॉ. राजीव कुमार सिंह ने कहा कि फिजियोथेरेपी के जरिए अस्टिओअर्थराइटिस, स्पाइनल इंजरी जैसी जटिल बीमारियों का तो इलाज संभव है। साथ ही कोरोना संक्रमण से उबरे मरीजों को फि जियोथेरेपी जरूर करानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी का कोई साइड एफेक्ट भी नहीं होता है। प्रत्येक साल आठ सितंबर को 'विश्व फिजियोथेरेपी दिवस' मनाया जाता है। उन्होंने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा कि फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी प्रणाली है, जिसकी सहायता से जटिल रोगों का इलाज आसानी से किया जाता है।

डॉ. राजीव बताते हैं कि आज पूरे विश्व में कोरोना संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐसे में फिजियोथेरेपी का महत्व और बढ़ गया है।

उन्होंने कहा, फिजियोथेरेपी कोरोना के संक्रमण को झेल चुके लोगों के लिए बेहद जरूरी है। कोरोना संक्रमण के कारण मरीजों के सीने और फेफड़ों में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में लोगों में सांस फूलने की शिकायत दिखे तो चेस्ट फिजियोथेरेपी बहुत कारगर साबित हो सकता है। चेस्ट फि जियोथेरेपी का लाभ लेकर खुद को मरीज पूरी तरह से ठीक और तंदुरुस्त कर सकते हैं।"

उन्होंने कहा कि आज भाग दौड़ की जिंदगी में फिजियोथेरेपी आम जीवन में अति महत्वपूर्ण हो गया है, जहां बिना दवा के ज्यादातर बीमारियों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

उन्होंने हालांकि, यह भी माना कि भारत में बहुत कम ही लोग इसके प्रति जागरूक हैं, जिस कारण इसका लाभ कम लोग ही उठा पा रहे हैं।

पटना के चर्चित फिजियोथेरेपी के डॉ सिंह बताते हैं कि फि जियोथेरेपी एक मॉर्डन चिकित्सा पद्घति है, जिसमें घुटनों, पीठ, कमर दर्द आदि कई शारीरिक समस्याओं से निपटने के लिए बिना दवा और सर्जरी किए इलाज किया जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि फिजियोथेरेपी किसी प्रशिक्षित फि जियोथेरेपिस्ट द्वारा ही करवाना चाहिए।

इसमें कई तरह के एक्सरसाइज के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय करने की कोशिश की जाती है।

उन्होंने कहा, अक्सर लोग बीच में ही फिजियोथेरेपी करवाना बंद कर देते हैं। ऐसा करने से आपको पूरा लाभ नहीं होगा। इसमें कई सेशन होते हैं, जिसे पूरा करना जरूरी है।"

उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी किसी भी उम्र में ली जा सकती है। बच्चे, महिलाएं, लड़के, लड़कियां, बूढ़े सभी उम्र के लोग फिजियोथेरेपी ले सकते हैं।

उधर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आईजीआईएमएस) के फि जियोथेरेपी चिकित्सक डॉ़ रत्नेश चौधरी भी कहते हैं कि ऐसा नहीं कि जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं, वो फिजियोथेरेपी का सेशन नहीं ले सकते हैं। उनके लिए भी यह लाभदायक है। इससे आपको किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से उबरने वाले व्यक्तियों के लिए भी यह फोयदेमंद है।

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