खौफनाक : दुनियाभर में फिर लौटा कोरोना अपने भयानक रूप में, मौतों का आंकड़ा 45 लाख के पार
कोरोना के डेल्टा वेरियंट का कहर फिलहाल दुनिया के कई देशों में जारी है, उसके बाद आए डेल्टा प्लस वेरियंट के भी कई मामले पूर दुनिया में सामने आ रहे हैं। इसी बीच दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों में सामने आए कोराना के नए वेरियंट ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है....
जनज्वार डेस्क। दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के डेल्टा स्वरूप के भयावह होने के बीच सोमवार को मौत का आंकड़ा 45 लाख के पार चला गया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, दिसंबर 2019 में चीन में फैलने के बाद से वायरस ने कुल 45,00,620 लोगों की जान ले ली है।
फिलहाल दुनिया में हर दिन लगभग 10,000 मौतों की सूचना मिल रही है, जो जनवरी की तुलना में बहुत कम है। उस समय औसतन 14,800 लोग प्रतिदिन जान गंवा रहे थे। हालांकि, ताजा आंकड़ा जुलाई की शुरुआत की तुलना में बहुत अधिक है, जब लगभग 7,800 दैनिक मौतें दर्ज की गई थीं।
पिछले एक सप्ताह में प्रतिदिन औसतन 1,290 मौतों के साथ अमेरिका एक बार फिर दुनिया में सबसे अधिक मौतों वाला देश बन गया है। अमेरिका संक्रमण के अत्यधिक प्रभावित डेल्टा स्वरूप का सामना कर रहा है।
अमेरिका के कई राज्य एक बार फिर कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। यहां पिछले 24 घंटे को दौरान एक लाख मामले सामने आए हैं जो देश में गत आठ माह के दौरान संक्रमितों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। अमेरिकी स्वास्थ्य व मानवीय सेवा ने बताया कि देश में डेल्टा स्वरूप तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, करीब 2,000 संक्रमित बच्चे भी अस्पताल में भर्ती हैं।
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के आंकड़ों को देखें तो पिछले माह अमेरिकी अस्पतालों में हर दिन औसत रूप से 500 मरीज आ रहे थे जो अब दोगुने से ज्यादा हो गए हैं। इससे पहले छह जनवरी को देश में सर्वाधिक 1.32 लाख मामले सामने आए थे। सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना मामलों में यह वृद्धि ऐसे वक्त में है जब देश में टीकाकरण कार्यक्रम काफी तेजी से चल रहा है।
अमेरिका में 28 जून को सबसे कम 1.38 लाख मामले आए थे, लेकिन जुलाई के बाद डेल्टा स्वरूप के प्रसार के साथ साथ देश के हालात खराब हो गए। इन दिनों दक्षिणी अमेरिका कोरोना का केंद्र बना हुआ है। सबसे ज्यादा मामले फ्लोरिडा में हैं जबकि टेक्सास, कैलिफोर्निया, अलाबामा व जॉर्जिया में आईसीयू के करीब 95 फीसदी बेड कोरोना मरीजों से भरे हुए हैं। कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा व टेक्सास में 32 फीसदी बच्चे अस्पतालों में भर्ती हैं।
मेक्सिको और ब्राजील में सैकड़ों संक्रमित मौत के शिकार हो रहे हैं। मेक्सिको में बीते 24 घंटों के दौरान महामारी से 835 लोगों की मौत हो गई है जबकि 20,633 नए मामले सामने आए हैं। देश में अब तक 2.56 लाख मौतें हो चुकी हैं। वहीं ब्राजील में बीते 24 घंटे में कोरोना के 31,024 नए मामले सामने आए हैं जबकि 920 लोगों की मौत हो गई है। महामारी से मौतों के मामले में ब्राजील दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
रूस में कोरोना से बड़ी संख्या में लोगों के मरने का सिलसिला जारी है। यहां बीते 24 घंटे में महामारी से 798 लोगों की मौत हो गई है जबकि 19,509 नए मामले सामने आए हैं। रूस का मॉस्को शहर महामारी से सर्वाधिक प्रभावित है, जहां एक दिन में 1,509 मामले दर्ज किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि रूस में महामारी से बड़ी संख्या में हो रही मौतों के पीछे कोरोना का डेल्टा स्वरूप जिम्मेदार है।
श्रीलंका में भी महामारी का प्रकोप जारी है। सरकार ने संक्रमण की रोकथाम के लिए राष्ट्रव्यापी लाकडाउन को छह सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक श्रीलंका में बुधवार को कोरोना संक्रमण से रिकॉर्ड 209 लोगों की मौत हो गई। श्रीलंका में महामारी से अब तक 8,157 लोगों की मौत हुई है जबकि कुल 412,370 मामले सामने आए हैं।
कोरोना के डेल्टा वेरियंट का कहर फिलहाल दुनिया के कई देशों में जारी है। उसके बाद आए डेल्टा प्लस वेरियंट के भी कई मामले पूर दुनिया में सामने आ रहे हैं। इसी बीच दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों में सामने आए कोराना के नए वेरियंट ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है। आशंका है कि सी.1.2 वेरियंट पहले के सभी स्वरूपों से अधिक संक्रामक हो सकता है और कोरोना वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा को भी बेअसर कर सकता है।
दक्षिण अफ्रीका स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज एवं क्वाजुलु नैटल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लैटफॉर्म के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप सी.1.2 का, सबसे पहले देश में इस साल मई में पता चला था। उन्होंने कहा कि तब से लेकर गत 13 अगस्त तक यह स्वरूप चीन, कांगो, मॉरीशस, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल और स्विट्जरलैंड में मिल चुका है।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 की पहली लहर के दौरान सामने आए वायरस के उपस्वरूपों में से एक सी.1 की तुलना में सी.1.2 अधिक उत्परिवर्तित हुआ है जिसे 'रुचि के स्वरूप' की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि सी.1.2 में अन्य स्वरूपों-'चिंता के स्वरूपों या रुचि के स्वरूपों' की तुलना में अधिक उत्परिवर्तन देखने को मिला है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि सी.1.2 अधिक संक्रामक हो सकता है तथा यह कोविड रोधी टीके से मिलने वाली सुरक्षा को चकमा दे सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि दक्षिण अफ्रीका में सी.1.2 के जीनोम हर महीने बढ़ रहे हैं। यह मई में 0.2 प्रतिशत से बढ़कर जून में यह 1.6 प्रतिशत हो गया और जुलाई में यह दो प्रतिशत हो गया। इसमें बताया गया, 'यह देश में बेटा एवं डेल्टा स्वरूपों में वृद्धि की ही तरफ है।'
विषाणु वैज्ञानिक उपासना राय ने कहा कि यह स्वरूप सी.1.2 के विभिन्न उत्परिवर्तन का परिणाम है जो प्रोटीन में बढ़ोतरी के कारण मूल वायरस से काफी अलग हो जाता है। मूल वायरस की पहचान 2019 में चीन के वुहान में हुई थी।