WHO ने माना, 4 करोड़ बच्चों पर मंडराया खसरे का खतरा, कोविड-19 की वजह से नहीं लग पाये थे टीके

Measles Outbreak : कोरोना महामारी के दौरान करीब 4 करोड़ बच्चों को डिप्थीरिया सहित कई बीमारियों के खिलाफ नियमित टीके नहीं लग पाये, जिसकी वजह से इन बच्चों पर खरसे का खतरा बढ़ गया है।

Update: 2022-11-24 10:25 GMT

WHO ने माना, 4 करोड़ बच्चों पर मंडराया खसरे का खतरा, कोविड-19 की वजह से नहीं लग पाये थे टीके

Measles Outbreak : विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के मुताबिक साल 2021 में लगभग 4 करोड़ बच्चों को मीजल्स यानी खसरा ( measles vaccine ) के टीके नहीं लगे। इसका सीधा असर यह हुआ कि ये बच्चे अब किसी भी समय खसरे ( measles ) की चपेट में आ सकते हैं। इससे पहले यूएन ने बताया था कि ढ़ाई करोड़ बच्चों को डिप्थीरिया सहित कई बीमारियों के खिलाफ नियमित टीके नहीं लग पाये। ऐसा कोरोना वायरस की वजह से हुआ। कोरोना ( Covid-19 ) वैक्सीन को लेकर गलत सूचना फैलना इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है।

बता दें कि दुनिया में खसरा सबसे संक्रामक मानव विषाणुओं में से एक है जिससे वैक्सीन की मदद से पूरी तरह बचा जा सकता है। खसरे का कम्युनिटी ऑउटब्रेक से बचने के लिए 95 फीसदी लोगों को वैक्सीन लगी होनी चाहिए। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 2021 में विश्वभर में 90 लाख खसरा के संक्रमण थे और इससे एक लाख 28 हजार मौते हुई थीं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) और सीडीसी का इस बारे में कहना है कि टीकाकरण में निरंतर गिरावट, कमजोर रोग निगरानी और कोविड-19 के कारण प्रतिक्रिया योजनाओं में देर और 20 से अधिक देशों में चल रहे प्रकोप का मतलब है कि दुनिया के हर क्षेत्र में खसरा बड़ा खतरा है।

क्या होता है खसरा

खसरा काफी खतरनाक वायरस होता है। छोटे बच्चों के लिए खसरे की शुरुआत तेज बुखार, खांसी, नाक बहने और आंखों से पानी बहने और लाल होने से होती है। लक्षणों के शुरू होने के दो से तीन दिन बाद मुंह के अंदर सफेद रंग के स्पॉट्स आने लगते हैं। लक्षण शुरू होने के तीन से पांच दिनों के बाद बदन पर लाल चकत्ते होने शुरू हो जाते हैं। यह उभरे हुए नहीं होते और सबसे पहले चेहरे पर दिखते हैं। इसके बाद गर्दन, सीने, हाथों और पैरों पर फैल जाते हैं। कुछ चक्कते उभरे हुए भी हो सकते हैं।

भारत में कई राज्यों में बढ़ा खसरे का प्रकोप

जहां तक भारत की बात है तो महाराष्ट्र, केरल, बिहार, गुजरात, हरियाणा और झारखंड जैसे राज्यों में खसरे के कई मामले सामने आये हैं। केंद्र ने राज्यों से संवेदनशील क्षेत्रों में 9 महीने से 5 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को खसरा और रूबेला के टीके की एक अतिरिक्त खुराक देने पर विचार करने को कहा है। मुंबई में इस साल खसरा के 233 मामले आये हैं। बुधवार को वहां खसरा के 13 नए मामले आये और एक बच्चे की मौत हुई। 30 नये खसरा के मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। दो दिन पहले भिवांडी के 8 महीने के बच्चे की खसरा से मौत हो गई, जिसके बाद राज्य में इस बीमारी से हुई मौतों का आंकड़ा 12 हो गया है। 20 नवंबर को बच्चे के पूरे शरीर पर चकत्ते हो गए थे, जिसके बाद उसे बीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके बाद कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो गई।

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