Ramnagar news : लकड़ी बीनने जंगल गयी एक और महिला को बाघ ने मार डाला, गुस्साये ग्रामीणों ने जिम कार्बेट गेट पर दिया धरना
आज समूचे उत्तराखंड में बाघ, तेंदुए जैसे हिंसक जानवर प्रतिदिन आम जनता को मार रहे हैं, परंतु सरकार जनता की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका यह संघर्ष केवल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास के गांव के सुरक्षा के लिए नहीं है, बल्कि समूचे उत्तराखंड की जनता की सुरक्षा के लिए है....
रामनगर। उत्तराखण्ड के रामनगर स्थित पटरानी गांव की एक महिला को बाघ ने अपना शिकार बना डाला है। बुधवार 6 दिसंबर की दोपहर को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज अंतर्गत सांवल्दे पूर्वी बीट में 32 साल की अनीता देवी को बाघ ने हमला कर मार डाला। घटना के वक्त अनीता देवी गांव की अन्य महिलाओं के साथ जंगल में लकड़ी बीनने के लिए गई थी, तभी बाघ ने अनीता पर हमला कर दिया। घटनास्थल पर मौजूद महिलाओं ने इस बा की सूचना वन विभाग और ग्रामीणों को दी, जिसके बाद अनीता देवी के शव की बरामदगी के लिए खोजबीन की गयी थी।
बाघ के हमले की यह पहली घटना नहीं है, बल्कि यहां आये दिन हमले में कई लोग मारे जा चुके हैं। अब ऐसी घटनाओं में अपनी जान गंवाने वाले अनीता देवी समेत अन्य सभी मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा, घायल अंकित के इलाज के संपूर्ण बिलों के भुगतान किए जाने और जंगली जानवरों से इंसानों, मवेशियों व फसलों की सुरक्षा आदि की मांगों को लेकर ग्रामीणों ने आज शनिवार 9 दिसंबर को कॉर्बेट नेशनल पार्क के झिरना गेट पर धरना देकर पर्यटकों की आवाजाही ठप कर दी।
ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद मौके पर उपनिदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व, पार्क वार्डन व अन्य अधिकारी पहुंचे, जिनके साथ गुस्साये ग्रामीणों की तीखी नोंकझोंक भी हुई।
उपनिदेशक ने कहा कि हम डीएनए की जांच करा कर टाइगर को चिन्हित कर रहे हैं। हैदराबाद से रिपोर्ट आने पर ही उसे आदमखोर घोषित करने का निर्णय लिया जाएगा। ग्रामीणों की मांगों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि मैं एक कर्मचारी हूं, नीति बनाना विधायिका का काम है। यदि आप नीति में कोई परिवर्तन चाहते हैं तो आपको सरकार से बात करनी चाहिए।
ग्रामीणों ने कहा कि सरकार का सक्षम प्रतिनिधि 13 दिसंबर तक हमारी समस्याओं का समाधान करे। 13 दिसंबर तक सरकार द्वारा हमारी समस्याओं का समाधान न होने पर 14 दिसंबर को दिन में 12 बजे से ढेला रेंज ऑफिस के आगे धरना देकर पर्यटकों की आवाजाही पूर्णतः ठप कर दी जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी वन प्रशासन व सरकार की होगी।
झिरना गेट पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज समूचे उत्तराखंड में बाघ, तेंदुए जैसे हिंसक जानवर प्रतिदिन आम जनता को मार रहे हैं, परंतु सरकार जनता की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका यह संघर्ष केवल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास के गांव के सुरक्षा के लिए नहीं है, बल्कि समूचे उत्तराखंड की जनता की सुरक्षा के लिए है।
आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए कल 10 दिसंबर को दिन में 12 बजे से बाघ के हमले में घायल अंकित के गांव ढेला बैराज पर बैठक भी रखी गई है। किशोरी लाल और ललित उप्रेती में उत्तराखंड की जनता से जंगली जानवरों के आतंक से सुरक्षा हेतु संघर्षों को आगे बढ़ने का आह्वान किया है।