सरकारी विभागों में करीब एक करोड़ रिक्त पद, मगर संसद में पेश बजट में इनका जिक्र तक नहीं किया मोदी सरकार ने

शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आंगनबाड़ी समेत अन्य मानदेय व संविदा कर्मियों को सम्मानजनक वेतनमान, सामाजिक सुरक्षा जैसे आम आदमी के जीवन के लिए महत्वपूर्ण सवालों को हल किया जा सकता है....;

Update: 2025-02-10 16:11 GMT
सरकारी विभागों में करीब एक करोड़ रिक्त पद, मगर संसद में पेश बजट में इनका जिक्र तक नहीं किया मोदी सरकार ने

(प्राइवेट कंपनी में सिक्युरिटी गार्ड बनने पहुंच गए इंजीनियरिंग और एमए पास अभ्यर्थी, लाइन में खड़े अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच करते कंपनी के लोग)

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लखनऊ। देश में सरकारी विभागों में करीब एक करोड़ पद रिक्त हैं, लेकिन इन्हें भरने के लिए 1 फरवरी को संसद में पेश बजट में कोई भी आश्वासन तक नहीं दिया गया है। केंद्रीय कर्मचारियों के ही करीब 10 लाख पद रिक्त हैं, इन्हें भरने के लिए भी बजट में किसी तरह की घोषणा नहीं की गई है। रोजगार सृजन के लिए जो योजनाएं प्रस्तावित हैं, उसमें सबसे ज्यादा बजट नयी रोजगार सृजन योजना में है, वह भी महज 20 हजार करोड़ है। इसमें में हर युवा को स्टार्टअप के लिए 5 लाख लोन का प्रावधान है। इससे महज 4 लाख युवा लाभान्वित होंगे। यह बातें रोजगार अधिकार अभियान की बैठक में उठीं।

रोजगार अधिकार अभियान की हुई वर्चुअल बैठक में मांग की गई कि बेरोज़गार युवा को कम से कम 10 लाख रुपए अनुदान दिया जाए और उनके उत्पाद खरीद की भी सरकार गारंटी करे। यह भी नोट किया गया कि ऐसी तमाम योजनाओं में आवंटित बजट का काफी खर्च नहीं किया गया। उक्त बातें रोजगार अधिकार अभियान प्रदेश संचालन समिति की वर्चुअल मीटिंग में कही गई।

वक्ताओं ने कहा कि देश में बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग कॉलेज व अन्य तकनीकी शिक्षण संस्थान व प्रशिक्षण कोर्स संस्थान हैं। तकनीकी उन्नयन के इस दौर में इनमें भारी निवेश की जरूरत है। जिससे शोध कार्य व स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा सके। भले ही कौशल विकास मिशन का प्रोपेगैंडा जोर-शोर से चल रहा है लेकिन सच्चाई यह है कि आईआईटी से लेकर आईटीआई संस्थाओं तक बजट आवंटन घटाया जा रहा है।

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वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आंगनबाड़ी समेत अन्य मानदेय व संविदा कर्मियों को सम्मानजनक वेतनमान, सामाजिक सुरक्षा जैसे आम आदमी के जीवन के लिए महत्वपूर्ण सवालों को हल किया जा सकता है। इसके लिए देश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। बशर्ते उचित अर्थनीति बने और सुपर रिच की संपत्ति पर समुचित टैक्स व काली अर्थव्यवस्था पर लगाम लगाई जाए। इससे 50 लाख करोड़ से प्रस्तावित बजट के अतिरिक्त कम से कम 30-40 लाख करोड़ जुटाया जा सकता है, जोकि इन सवालों को हल करने के लिए पर्याप्त है।

8 नवंबर 2024 को दिल्ली सम्मेलन में लिए गए निर्णय के तहत प्रदेशभर में रोजगार अधिकार अभियान संवाद चलाया जा रहा है। वर्चुअल मीटिंग में इस अभियान को विस्तार देने और समाज के हर तबके तक इसे ले जाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई। बैठक का संचालन अभियान के कोऑर्डिनेटर राजेश सचान ने किया। बैठक में रेड ब्रिगेड की पूजा विश्वकर्मा को हेडक्वार्टर की जिम्मेदारी दी गई।

बैठक में शिक्षक संघ के सुरेन्द्र पांडे, इशान, जयप्रकाश यादव, बीसीएम की आकांक्षा आजाद, सविता गोंड, बागीशधर राय, राजेश सिंह, राष्ट्रीय कुली मोर्चा के राम सुरेश यादव, पूजा विश्वकर्मा, रूबी सिंह गोंड, प्रदीप, गुंजा गोंड, विजय राव, गोविंद सिंह, रामबहादुर पटेल, अर्जुन भारती, कुलदीप, आलोक राजभर , राजकुमारी गोड़ आदि ने अपनी बात रखी।

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