मुख्यमंत्री योगी के नफरती बुल्डोजर की सुप्रीम कोर्ट में उघड़ रहीं परतें, मगर विध्वंस फिर भी जारी, माले ने कहा मनमानी पर लगे रोक !

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लखनऊ । भाकपा (माले) ने बयान जारी कर कहा है कि योगी सरकार के बुल्डोजर अन्याय की सुप्रीम कोर्ट में परतें उघड़ रही हैं, लेकिन फिर भी सरकार मनमानी पर उतारू है।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बुल्डोजर न्याय पर योगी सरकार की लगातार आलोचना कर रहा है, लेकिन सरकार उससे कोई सबक लेने को तैयार नहीं है। बुधवार 5 मार्च को शीर्ष कोर्ट ने सरकार को एक बार फिर कड़ी फटकार लगाई। ताजा मामला प्रयागराज का है, जहां गैरकानूनी बुल्डोजर कार्रवाई कर एक प्रोफेसर, एक वकील व अन्य परिवारों के घर 2021 में ढहा दिए गए थे। इसे पूर्व सांसद अतीक अहमद की संपत्ति मानकर सरकार ने आनन फानन में कार्रवाई की थी, जबकि ढहाए गए घरों के मालिक जमीन के लीज होल्डर थे। शीर्ष अदालत ने कहा कि ढहाए गए घरों को सरकारी खर्चे पर फिर से बनाकर देने का आदेश पारित कर सकते हैं। यही इलाज है।
इसके पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों योगी सरकार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, क्योंकि उसने महाराजगंज जिले में एक पत्रकार के घर को कुछ वर्ष पूर्व अवैध तरीके से बुल्डोजर चलाकर ढहा दिया था।
माले राज्य सचिव ने कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देशों के बावजूद प्रदेश सरकार की बुल्डोजर कार्रवाई पर ब्रेक नहीं लगा है। सरकार के ताजा निशाने में गोरखपुर के मेवातीपुर क्षेत्र की मस्जिद है, जो हाल में ही बनकर तैयार हुई है। इसके बगल में खड़ी पुरानी मस्जिद को पिछले साल जनवरी में गोरखपुर नगर निगम ढहवा चुका है। अब नई मस्जिद को भी गिराने की गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा कार्रवाई की जा रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि हर मामले में ध्वस्तीकरण ही अंतिम उपाय नहीं है।
गोरखपुर की उक्त मस्जिद पर कार्रवाई से पहले कुशीनगर की मदनी मस्जिद पर पिछले आठ फरवरी को बुल्डोजर चलाया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बुल्डोजर न्याय पर अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया था।
माले राज्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नफरती बुल्डोजर का विध्वंस लगातार जारी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बुल्डोजर न्याय को लेकर की जा रही कानून की अवहेलना, शीर्ष अदालत के आदेश के उल्लंघन और मनमानी पर कड़ाई से ब्रेक लगाने की मांग की।