UKSSSC Paper Leak Case : परीक्षाओं की होगी एक और जांच, चयन आयोग ने आज बुलाई बोर्ड की बैठक
UKSSSC Paper Leak Case : पेपर लीक विवादों में घिरे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं की एक और जांच शुरू होने जा रही हैं, आज मंगलवार को आयोग के अध्यक्ष जिस मर्तोलिया की अध्यक्षता में होने वाली बोर्ड बैठक में इस मुहर लग सकती है...
UKSSSC Paper Leak Case : पेपर लीक विवादों में घिरे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं की एक और जांच शुरू होने जा रही हैं। आज मंगलवार (18 अक्टूबर) को आयोग के अध्यक्ष जिस मर्तोलिया की अध्यक्षता में होने वाली बोर्ड बैठक में इस मुहर लग सकती है।
आयोग की कई भर्तियां STF जांच के घेरे में
जानकारी के लिए आपको बता दें कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की कई भर्तियां अभी एसटीएफ जांच के घेरे में हैं। इस वजह से इनका न तो रिजल्ट जारी हुआ और न ही आयोग अभी तक इन्हें रद्द करने पर निर्णय ले पाया है। वहीं, कुछ भर्तियां ऐसी हैं, जिनका आयोग को रिजल्ट जारी करना था लेकिन आयोग के सचिव ने शासन को पत्र भेजकर निर्देश मांगे हैं। इस बीच आयोग के अध्यक्ष पद पर पूर्व आईपीएस अधिकारी जीएस मर्तोलिया की ताजपोशी हो गई। नए अध्यक्ष अब आयोग की गिरी हुई साख को ठीक करने में जुट गए हैं।
आंतरिक जांच के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अध्यक्ष के स्तर से जल्द ही आयोग की सभी भर्तियों की आंतरिक जांच शुरू हो सकती है। आज मंगलवार को आयोग में बोर्ड बैठक बुलाई गई है, जिसमें आंतरिक जांच के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया जा सकता है। बता दें कि मकसद यह है कि फंसी हुई सभी भर्तियों पर आयोग स्वयं निर्णय लें। वहीं दूसरी ओर आयोग के सॉफ्टवेयर का सिक्योरिटी ऑडिट कराने की भी तैयारी है।
आयोग अपने निर्णय लेने में सक्षम
वहीं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने सोमवार को आयोग के नए अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया से भेंट की। उन्होंने सहायक अध्यापक, कनिष्ठ सहायक, स्टेनो व अन्य भर्ती परीक्षाओं के चयनित उम्मीदवारों का मुद्दा उठाया। आयोग के अध्यक्ष गणेश सिंह मार्तोलिया ने जुगरान को आश्वस्त किया की आयोग का स्टैंड यथावत है। सभी तरह की जांच करने के बाद ही पूर्व की भर्तियों से ज्वाइनिंग पर कोई निर्णय लिया जाएगा। वहीं जुगरान ने जब इस संदर्भ में सचिव मुख्यमंत्री व सचिव कार्मिक शैलेश बगोली से वार्ता की तो उन्होंने कहा कि आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और अपने निर्णय लेने में पूरी तरह से सक्षम है।