अर्णब की गिरफ्तारी के खिलाफ ABVP का प्रदर्शन, ठाकरे सरकार पर लगाया पत्रकारों को धमकाने का आरोप

अर्णब गोस्वामी के समर्थन और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 100 से भी ज्यादा छात्रों ने किया प्रदर्शन, कहा महाराष्ट्र की खिचड़ी सरकार की दादागीरी तुरंत हो बंद...

Update: 2020-11-05 15:01 GMT

नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने महाराष्ट्र सरकार पर लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने का कुत्सित प्रयास करने का आरोप लगाया है। दिल्ली में आज गुरुवार 5 नवंबर को महाराष्ट्र सदन के बाहर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ एबीवीपी की दिल्ली इकाई ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने एक स्वर में अर्णब गोस्वामी के साथ हुई पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी निंदा की।

एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व राज्य सरकार में शामिल अन्य दलों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। कथित तौर पर मीडिया पर हो रहे लगातार हमलों के खिलाफ इन छात्रों ने अपनी आवाज बुलंद की। प्रदर्शन में लगभग सौ से अधिक छात्र शामिल हुए।

इससे पहले, बुधवार 4 नवंबर की शाम एबीवीपी के नेतृत्व में छात्रों ने दिल्ली विश्वविद्यालय व जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में महाराष्ट्र सरकार का पुतला दहन किया था।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, "महाराष्ट्र में लोकतांत्रिक मूल्यों को वर्तमान राज्य सरकार ने ताक पर रख दिया है। बीते कुछ महीनों में विभिन्न विषयों पर आम जनों द्वारा सोशल मीडिया पर जो समस्याएं रखते हुए सरकार की आलोचना की गई थी। उन पर व्यक्तिगत खुन्नस खाकर महाराष्ट्र में कई मुकदमे दर्ज कराने के मामले सामने आए हैं। यह महाराष्ट्र सरकार की बढ़ती असहिष्णुता को दिखाता है। अर्णब गोस्वामी मामले में जिस प्रकार से पुलिसिया दमन का उपयोग उद्धव ठाकरे सरकार पत्रकारों को धमकाने के लिए कर रही है, वह अनुचित है।"

अभाविप के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र सरकार असहमति की आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है तथा असहमति के अपराधीकरण पर उतारू है। लोकतंत्र के भीतर ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण गतिविधियां तुरंत बंद होनी चाहिए। महाराष्ट्र सरकार लगातार सोशल मीडिया पोस्ट व अन्य माध्यमों से सरकार को आईना दिखाने वाली लोकतांत्रिक प्रतिक्रियाओं को दबाने का प्रयास कर रही है। महाराष्ट्र में लगातार ऐसी आवाजों के खिलाफ केस दर्ज किए जा रहे हैं, शिवसेना, एनसीपी तथा कांग्रेस की खिचड़ी सरकार की यह दादागीरी तुरंत बंद होनी चाहिए।"

प्रदर्शन में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष अक्षित दहिया, उपाध्यक्ष प्रदीप तंवर तथा सह-सचिव शिवांगी खरवाल आदि उपस्थित रहे।

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