अडानी का अरबों हो सकता है माफ तो आत्महत्या करती आम जनता का 10 लाख कर्ज क्यों नहीं माफ करती मोदी सरकार
3 लाख कर्जे से पीड़ित आमजन धार्मिक एकता ट्रस्ट के बैनर तले जंतर मंतर पर कर्ज मुक्त भारत अभियान के तले विरोध प्रदर्शन करेंगे। सरकार से ये लोग मांग कर रहे हैं कि यदि आत्महत्याएं रोकनी हैं तो 10 लाख तक के सभी लोन माफ कर दिये जायें, नहीं तो वह भूख हड़ताल को विवश होंगे....
Jantar Mantar News : 3 लाख कर्जे से पीड़ित आमजन धार्मिक एकता ट्रस्ट के बैनर तले जंतर मंतर पर कर्ज मुक्त भारत अभियान के तले विरोध प्रदर्शन करेंगे। सरकार से ये लोग मांग कर रहे हैं कि यदि आत्महत्याएं रोकनी हैं तो 10 लाख तक के सभी लोन माफ कर दिये जायें, नहीं तो वह भूख हड़ताल को विवश होंगे।
धार्मिक एकता ट्रस्ट द्वारा प्रेस क्लब नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करके जानकारी दी गयी कि ट्रस्ट के आह्वान पर लगभग 3 लाख भारतीय इस अभियान से जुड़े हैं। इस अभियान में इलाका सांसद को पत्र लिखकर अपने अपने क्षेत्र को कर्जमुक्त करने हेतु इलाकावासियों का कर्जा माफ़ करने की गुज़रिश की गई थी, पर रिवायती पार्टियों के सांसदों ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, न ही वित्त मंत्रालय और पीएमओ ने, इसलिए भारत के हुक्मरान को चेताने के लिये ट्रस्ट कर्ज मुक्त भारत अभियान जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेगा।
गौरतलब है कि धार्मिक एकता ट्रस्ट द्वारा आम जनता को कर्जे से बाहर निकालने के लिए निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वह स्वयं अपना कर्जा चुका सके। ट्रस्ट के संस्थापक शाहनवाज चौधरी भारतीय कहते हैं जीएसटी, नोटबन्दी व लॉकडाउन से त्रस्त व कर्जे तले दबे हुए भारतवासी, कर्जमुक्त होने होने के लिए इस हमसे जुड़े हैं। अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर देश के हुक्मरानों से पूछें कि उनके आह्वान के बावजूद क्यों देशवासियों को कर्जमुक्त नहीं कर रहे हैं।
ट्रस्ट की ओर से कर्जमुक्त अभियान के तहत पीड़ितों के लिए तुरंत प्रभाव से दें राहत
छोटे लोन यानि 10 लाख से कम जिनकी मृत्यु हो गई हो, उनके परिवार का लोन व अन्य सभी कर्जों को अनडराइट या राइट ऑफ करना चाहिए एजैसे अडानी का किया गया है। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो कर्ज मुक्त भारत अभियान की टीम भूख हड़ताल पर बैठेगी।