#कल_भारत_बंद_होगा : किसान आंदोलन से पहले सहमे योगी, भरमाने के लिए बढ़ाया गन्ने का मामूली दाम
#कल_भारत_बंद_होगा 27 सितंबर : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया गन्ने के दाम में बढ़ोतरी का ऐलान, मायावती और अखिलेश के कार्यकाल से भी कम बढ़ा दाम...
जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो। किसानों के भारत बंदी (Bharat Bandh) के एलान के ठीक एक दिन पूर्व रविवार 26 सितंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गन्ना मूल्यों (Sugarcane Price) में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया। ऐसे में 25 रूपये समर्थन मूल्य में बढोतरी के साथ अब 350 रूपये कुंतल गन्ने का दाम किसानों को मिलेगा। गन्ने के दाम को लेकर बढी सियासत मूल्य में आंशिक बढोतरी से कम होने के बजाए अब और गरमाने के आसार है। यह कहा जा रहा है कि योगी सरकार के अपेक्षा अखिलेश (Akhilesh yadav) व मायावती सरकार (Mayawati Govt) के कार्यकाल में गन्ने के दाम में अधिक बढोतरी हुई है।
दूसरी तरफ पूर्ववर्ती सरकारों में देखें तो बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सरकार के पांच साल में रिकॉर्ड 115 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई थी। साल 2007 में जब मायावती ने सरकार संभाली तब गन्ने का दाम 125 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे उन्होंने पांच साल में बढ़ाकर 240 रुपये पर पहुंचाया। इसके बाद अखिलेश सरकार ने अपने पांच साल में 65 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की। ऐसे में मुख्यमंत्री मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान कीमतों में 92 फीसदी बढ़ोतरी की थी। वहीं सपा सरकार में 27 फीसदी गन्ना के मूल्य बढ़ाए गए थे, जबकि योगी सरकार दो बार में कुल 35 रुपये की बढोतरी की है,जो वृद्धि तकरीबन दस फीसद मात्र है।
योगी सरकार के इस घोषणा के विपरीत पूर्व में ही राकेश टिकैत ने गन्ने का समर्थन मूल्य ₹425 करने की मांग की थी। साथ ही कहा था कि किसानों के साथ न्याय नहीं हुआ तो इसका जवाब अवश्य देंगे। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इससे पहले कहा था कि किसानों को गन्ने का रेट सवा चार सौ रुपये क्विंटल से एक रुपये कम भी मंजूर नहीं होगा। यदि यूपी सरकार ने ऐसा नहीं किया तो केंद्र सरकार से काले कानूनों और एमएसपी की गारंटी के लिए चल रही लड़ाई के साथ ही भारतीय किसान यूनियन सूबे की सरकार की भी मोर्चेबंदी करेगी।
हरियाणा में 350 रुपये व उत्तर प्रदेश में गन्ने का मूल्य 325 रूपये था। यूपी सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। यह सालाना लगभग 179 मिलियन टन यानी देश के 44.75 फीसदी गन्ना उत्पादित करता है, लेकिन यहां पिछले तीन साल से इसके रेट में एक रुपये की भी वृद्धि नहीं की गई थी, जबकि तीन साल पहले खेती वाली बिजली का उनका बिल प्रति महीने 1420 रुपये आता था जो अब 2210 रुपये हो गया है।
डीजल का रेट 60 रुपये प्रति लीटर था जो अब 91 रुपये हो चुका है। खाद और कीटनाशक के दाम में डेढ़ गुना वृद्धि हो चुकी है, जिससे उत्तर प्रदेश में करीब 48 लाख किसान गन्ने की खेती प्रभावित हो रही है। किसानों का मानना है कि तीन साल में गन्ने की खेती करना लगभग 35 फीसदी महंगा हो गया है। यूपी में नई सरकार के सत्ता में आने के बाद 2017-18 में सिर्फ 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि करके इसका दाम 325 रुपये किया गया था, जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सरकार बनने पर 370 रूपये गन्ने का मूल्य करने का एलान किया था।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 2015-16 में गन्ने की उत्पादन लागत 176.3 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो 2017-18 में बढ़कर 199.1 रुपये हो गई थी। उसके बाद की उत्पादन लागत नहीं बताई गई है।
किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह कहते हैं, "अगर हम एसी में बैठकर दाम तय करने वाले सरकारी बाबुओं की बात छोड़कर धरातल की बात करें तो पिछले तीन साल में लागत काफी तेजी से बढ़ी है, इसलिए गन्ने का सरकारी दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक होने पर ही किसानों को फायदा होगा। यूपी से सटे बीजेपी शासित हरियाणा में भी दाम यहां से 25 रुपये प्रति क्विंटल अधिक यानी 350 रुपये है। इस बीच पंजाब सरकार ने गन्ने का रेट 360 रुपये प्रति क्विंटल घोषित कर एक नई चुनौती पेश कर दी है।
लखनऊ में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने इशारों में विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे में मरने वाला अगर कोई था तो किसान था। किसानों के बेटे थे। हमारी सरकार में कोई दंगा नहीं हुआ। अगर किसी ने दंगा करने की कोशिश की तो उसकी 7 पीढ़ियां भरते भरते खप जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने गन्ना विभाग की तारीफ करते हुए कहा कि 2007 से 2017 तक गन्ना मूल्य मूल्य का भुगतान नहीं हुआ। पिछले 4 साल में हमारी सरकार ने सबसे अधिक गन्ना किसानों को भुगतान किया है। हमने पराली जलाने के मामले में किसानों के ऊपर लगे सारे मुकदमे वापस ले लिए हैं। हमने तय किया है कि हम गन्ने का मूल्य बढ़ाने जा रहे हैं। अब तक गन्ने का समर्थन मूल्य ₹325 था अब ₹350 गन्ने का समर्थन मूल्य होगा। गन्ने किसानों को 8 फ़ीसदी की वृद्धि उनके आय में होगी। इससे 45 लाख किसानों की जीवन में बदलाव आएगा।