'विश्वविद्यालय हम छात्रों का, किसी की जागीर नहीं' मोदी की BHU में रैली रद्द करवाने के लिए कुलपति को सौंपा था ज्ञापन

कोरोना के नाम पर विश्वविद्यालय पिछले डेढ़ साल से बंद है और सभी अकादमिक गतिविधियां बंद हैं, लेकिन बीएचयू और जिला प्रशासन सभी कानूनों और नियमों को ताक पर रखकर विश्वविद्यालय के अंदर राजनीतिक रैलियां आयोजित करवा रहा हैए विश्वविद्यालय हम छात्रों का है, किसी पार्टी या कुलपति की जागीर नहीं...

Update: 2021-07-15 06:47 GMT

बीएचयू में प्रधानमंत्री की रैली को रद्द करवाने और विश्वविद्यालय खोलने को लेकर कुलपति को सौंपा था छात्रों ने ज्ञापन

जनज्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 15 जुलाई को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे हैं, जिसका BHU के छात्र विरोध कर रहे थे, इसके लिए उन्होंने कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा था।

प्रधानमंत्री मोदी आज 10 बजे वायुसेना के विशेष विमान से वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंचे थे, जहां राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्‍यनाथ, मंत्री आशुतोष टंडन और राधामोहन सिंह समेत कई नेताओं ने उनकी अगवानी की। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यक्रम स्‍थल बीएचयू पहुंचे, जहां उन्‍होंने बटन दबाकर 1583 करोड़ की 280 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्‍यास किया।

गौरतलब है कि कल 14 जुलाई को भगतसिंह छात्र मोर्चा ने बीएचयू में प्रधानमंत्री की रैली को रद्द करवाने और विश्वविद्यालय खोलने को लेकर कुलपति को ज्ञापन सौंपा था। छात्रों ने 15 जुलाई को कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री की होने वाली रैली को रोकने और विश्वविद्यालय को फिर खुलवाने की मांग की थी।

छात्रों का कहना है, कोरोना महामारी के नाम पर विश्वविद्यालय पिछले डेढ़ साल से बंद है और सभी अकादमिक गतिविधियां बंद हैं, लेकिन बीएचयू और जिला प्रशासन सभी कानूनों और नियमों को ताक पर रखकर विश्वविद्यालय के अंदर राजनीतिक रैलियां आयोजित करवा रहा है। विश्वविद्यालय हम छात्रों का है, किसी पार्टी या कुलपति की जागीर नहीं।

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छात्रों का कहना है कि आज पीएम मोदी की बीएचयू में रैली आयोजित करवाने वाले विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोरोना का हवाला देकर सभी शिक्षण संस्थान को बंद कर दिया था, लेक़िन दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन किसी राजनेता या फिर किसी पार्टी की रैली करने के लिए क्यों अनुमति दे रहा है? 6000 की संख्या में बाहरी व्यक्तियों को कैंपस में महामारी फैलाने के लिए क्यों बुलाया जा रहा है, जबकि कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है। यह रैली कोरोना के नियमों का खुला उल्लघंन करती हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह से छात्रों और कर्मचारियों का और बनारस शहर का जीवन संकट में क्यों डाल रहा है।

भगतसिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने वाइस चांसलर से मिलकर मांग की कि इस रैली को तुरंत रद्द करवाया जाय और विश्वविद्यालय के कक्षाओं और हास्टल को पूरी क्षमता के साथ खोला जाय। ज्ञापन सौंपने वालों में सुमित, अंबुज, राहुल, राकेश, आकांक्षा, मुलायम, शुभम, लोकेश, पवन, उमेश, शशांक, अविनाश, अमन, अभिनव, अजीत, इप्शिता समेत तमाम अन्य छात्र भी शामिल थे।

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