हिंदुत्व की सांप्रदायिक राजनीति और कॉरपोरेट के साथ गठबंधन की जनविरोधी राजनीति पर रोक लगाने के लिए BJP का हारना जरूरी

पिछले पांच सालों में भाजपा ने आदिवासियों के बीच सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की ही कोशिश की है और इस दिशा में पेसा कानून को उनके अधिकारों पर हमला करने का औजार बनाया है। एक समुदाय के रूप में आदिवासियों के मानवाधिकारों और संवैधानिक अधिकारों पर तथा एक व्यक्ति के रूप में उनके नागरिक अधिकारों पर उसने हमेशा हमला किया है...

Update: 2023-11-02 06:20 GMT

इंदौर। सोशलिस्ट पार्टी इंडिया ने मध्य प्रदेश में आम जनता से भाजपा की हार और विधानसभा में वामपंथी समाजवादी की उपस्थिति को सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। इससे हिंदुत्व की सांप्रदायिक राजनीति और कॉरपोरेटों के साथ गठबंधन की जनविरोधी राजनीति पर भी रोक लगेगी और जनता के बुनियादी मुद्दों पर जन संघर्ष की राजनीति को मजबूती मिलेगी। इन चुनावों में भाजपा की हार से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के कुशासन से मुक्ति की संभावनाएं और मजबूत होगी।"

उक्त बातें सोशलिस्ट पार्टी इंडिया की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री ने आज 2 नवंबर को जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि देश आज चौतरफा संकट में है। केंद्र में आरएसएस -भाजपा सरकार जिन नीतियों पर चल रही है, उसके कारण देश का लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, भाईचारा, संविधान और संवैधानिक मूल्य -- समग्रता में देश का भविष्य खतरे में है। जल-जंगल-जमीन-खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों को कॉर्पोरेटों के हवाले करने के लिए देश के कमजोर तबकों -- आदिवासियों, दलितों पर बड़े पैमाने पर हमले किए जा रहे हैं।

पिछले पांच सालों में भाजपा ने आदिवासियों के बीच सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की ही कोशिश की है और इस दिशा में पेसा कानून को उनके अधिकारों पर हमला करने का औजार बनाया है। एक समुदाय के रूप में आदिवासियों के मानवाधिकारों और संवैधानिक अधिकारों पर तथा एक व्यक्ति के रूप में उनके नागरिक अधिकारों पर उसने हमेशा हमला किया है। इसलिए इन चुनावों में भाजपा को हराना जरूरी है।

रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि इंडिया समूह का सबसे बड़ा घटक दल होने के नाते यह कांग्रेस की जिम्मेदारी थी कि भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए सांप्रदायिकता के खिलाफ अविचल संघर्ष करने वाली वामपंथी ताकतों का सहयोग लेती। वामपंथी समाजवादी ताकतें ही हैं, जो आदिवासियों, दलितों, मेहनतकशों और गरीबों के हितों की रक्षा के लिए लगातार लड़ रही है। आरएसएस-भाजपा के खिलाफ संघर्ष में इंडिया समूह की सबसे विश्वसनीय ताकत वामपंथी समाजवादी ही है, लेकिन यह कांग्रेस का अहंकार ही है कि उसने इस चुनाव में उनका सहयोग लेने की कोई कोशिश नहीं की।

हालांकि भारतीय जनता पार्टी आज बड़ी बुराई बन चुकी है और उसे हराने के लिए कांग्रेस के गुनाहों को माफ किया जाना चाहिए तथा जहां-जहां समाजवादी वामपंथी विकल्प मौजूद नहीं है उन सीटों पर भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस को वोट देना आज की महती आवश्यकता है।

इंदौर-2 विधानसभा क्षेत्र से एसयूसीआई प्रत्याशी प्रमोद नामदेव वमहू से माकपा प्रत्याशी अरूण चौहान को सोशलिस्ट पार्टी के समर्थन की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि लम्बे समय से ही प्रमोद नामदेव व अरूण चौहान इंदौर में मजदूरों किसानों और नौजवानों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके कारण उन पर जानलेवा हमले भी हुए हैं। सोशलिस्ट नेता ने कहा कि जन अधिकारों पर लगातार हो रहे हमलों की पृष्ठभूमि में विधानसभा में ऐसे जन प्रतिनिधि की उपस्थिति जरूरी है, जो लोकतंत्र, संविधान और जन अधिकारों के पक्ष में तथा संसाधनों की कॉर्पोरेट लूट के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर सके।

प्रमोद नामदेव व अरूण चौहान इसके लिए योग्यतम प्रत्याशी हैं, जो कांग्रेस-भाजपा दोनों को हराने में सक्षम हैं। विधानसभा में उनकी उपस्थिति से पूरे मध्य प्रदेश में आम जनता की जायज मांगों पर हो रहे संघर्षों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। 

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