मुख्यमंत्री योगी का 16 घंटे बिजली का दावा झूठा, हीट वेव और हीट स्ट्रोक से मरने वालों के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार
हीट वेव का प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन, खिरिया बाग और अंडिका बाग किसान आंदोलन लगातार पर्यावरण के गंभीर मसले को उठाता रहा, कहा गांवों में 18 घंटे बिजली मिल रही का मुख्यमंत्री योगी का दावा झूठा....
आजमगढ़ । जन आंदोलन का राष्ट्रीय समन्वय ;और पूर्वांचल किसान यूनियन ने हीट वेव और हीट स्ट्रोक से मरने वालों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। किसान संगठनों ने भाजपा के नौ साल बेमिसाल के दावे को झूठा बताते हुए कहा कि जो सरकार बिजली नहीं दे पा रही, गन्ना, सब्जी की फसल सूख रही, धान का बीज नहीं पड़ पा रहा, वो कैसे बेमिसाल होने का दावा कर रही।
जन आंदोलन का राष्ट्रीय समन्वय के राष्ट्रीय समन्वयक और किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि हीट वेव और हीट स्ट्रोक से जनता मर रही है और भाजपा सरकार जनसभा करने में मशगूल है। उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक डॉक्टरों को छुट्टी न देकर और उनके ऊपर कार्रवाई करने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेते हैं। हीट वेव का प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन है। राष्ट्रीय राजमार्ग, एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट, औद्योगिक पार्क जैसे विकास विनाश को दावत दे रहे हैं। आज किसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर पेड़ नहीं बचे हैं, जिसके नीचे गर्मी की तपती धूप में राहत की सांस ली जाए।
किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि आजमगढ़ का खिरिया बाग और अंडिका बाग आंदोलन लगातार पर्यावरण के गंभीर मसले को उठाता रहा है। शासन प्रशासन वन क्षेत्र और कृषि भूमि क्षेत्र को बड़े पूंजीपतियों के हाथों नीलाम करते जा रहे हैं और उसे विकास का मॉडल बताया जा रहा। जहां पेड़ों के कटने से हीट वेव के चलते लोग मर रहे हैं, वहीं बारिश के बाद एक्सप्रेसवे के किनारे के गांव में जल जमाव के चलते डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियां फैल रहीं।
पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव ने मनमाना बिजली कटौती पर रोक लगाने की जिलाधिकारी आजमगढ़ से मांग की। आजमगढ़ जिले के पश्चिमी छोर पर पवई विकास खंड बहुफसली इलाका है। पवई में स्थित पावर हाउस से बिजली सप्लाई की दशा बहुत दयनीय है।
मुख्यमंत्री योगी कह रहे कि ग्रामीण इलाके में 18 घंटे बिजली मिल रही है, वहीं पवई इलाके में पिछले दो महीने से लगातार बिजली संकट बना हुआ है और दो से तीन घंटे बिजली मिलना मुश्किल हो गया है। सब्जी की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी, गन्ने की फसल सूख रही है, जिन किसानों ने धान की नर्सरी डाली है उनकी सिंचाई समय से न होने के कारण सूख रही है। बहुत सारे किसान बिजली संकट के कारण धान की नर्सरी नहीं डाल पाये हैं। इस परिस्थिति में धान का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा।
विरेंद्र यादव ने कहा कि एक तरफ जहां किसान महंगे बीज खाद व दवाओं की मार झेल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बिजली की मार किसानों की कमर तोड़ रही है। उन्होंने मांग की कि तत्काल हस्तक्षेप करते हुए ध्वस्त बिजली व्यवस्था को सुचारू रूप से बहाल कराया जाए और किसानों को बिजली मिलना सुनिश्चित कराया जाए।