दिल्ली दंगे में आरोपित शरजील इमाम को 1 अक्टूबर तक भेजा गया न्यायिक हिरासत में
25 अगस्त को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शरजील इमाम को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दंगे के सिलसिले में गिरफ्तार किया था
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार 3 सितंबर को जेएनयू के स्कॉलर शरजील इमाम को दिल्ली हिंसा मामले में 1 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शरजील को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा, "जांच की प्रकृति और केस रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए आवेदन को मंजूरी दे दी गई है। आरोपी शरजील इमाम को 1 अक्टूबर, 2020 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।"
31 अगस्त को अदालत ने इमाम को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। रिमांड की अवधि के अंत में शरजील को गुरुवार 3 सितंबर को अदालत में पेश किया गया। इसके पहले भी शरजील को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा जा चुका है।
25 अगस्त को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शरजील इमाम को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दंगे के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
जेएनयू से पीएचडी कर रहे शरजील इमाम पर आरोप है कि उन्होंने सीएए—एनआरसी प्रदर्शनों के दौरान उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक भाषण के दौरान कुछ ऐसी बातें कहीं जिसके बाद उन्हें बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है। शरजील इमाम उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने शाहीन बाग आंदोलन की नींव रखी। हालांकि शाहीन बाग के आंदोलनकारियों ने शरजील इमाम से किसी तरह का संबंध होने से इनकार किया है।
दिल्ली पुलिस ने सीएए के खिलाफ कई जगह हुए प्रदर्शनों के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील के खिलाफ 25 जुलाई को आरोपपत्र दाखिल किया था।