'भूख से मौत, पत्रकार हत्या और दलित किशोरियों पर जुल्म-अब यही है योगी के रामराज्य की पहचान'

पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि योगी राज में पत्रकारों की एक-के-बाद-एक हत्या हो रही है, गाजियाबाद में बेटी को यौन उत्पीड़न से बचाने में पत्रकार विक्रम जोशी की पिछले महीने ही गुंडों ने हत्या कर दी थी....

Update: 2020-08-25 15:11 GMT

लखनऊ। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि भूख से मौत, पत्रकारों की हत्या और दलित किशोरियों से हैवानियत व हिंसा- अब यही मुख्यमंत्री योगी के 'रामराज्य' की पहचान बनती जा रही है।

पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को कहा कि योगी राज में दलित, गरीब व महिलाएं ही नहीं, पत्रकार भी असुरक्षित हैं। आगरा के नगला विधिचंद गांव में पांच वर्षीय बच्ची की 22 अगस्त को भूख से मौत हो गई, क्योंकि घर में अन्न का एक दाना भी नहीं था और गरीब परिवार तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुंच पायीं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर राज्य सरकार की इस विफलता को छिपाने के लिए हमेशा की तरह स्थानीय अधिकारियों ने बीमारी से मौत बताकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया।

राज्य सचिव ने कहा कि योगी राज में पत्रकारों की एक-के-बाद-एक हत्या हो रही है। गाजियाबाद में बेटी को यौन उत्पीड़न से बचाने में पत्रकार विक्रम जोशी की पिछले महीने ही गुंडों ने हत्या कर दी थी। इसमें बहा खून जनमानस में अभी सूखा भी नहीं था कि बलिया के फेफना में न्यूज चैनल के पत्रकार रतन सिंह की बीती रात हत्या कर दी गई। जब पत्रकार भी सुरक्षित नहीं, तो आम आदमी की सुरक्षा तो दूर की कौड़ी है।

माले नेता ने कहा कि योगी राज में दलित लड़कियों से गैंगरेप, मर्डर से लेकर आपराधिक वारदातों का तांता लगा है। यह अपराधियों के बढ़े हौसले और संरक्षण के बिना संभव नहीं हो सकता। 10 दिनों के भीतर तीन-तीन दलित किशोरियों को हिंसा का निशाना बनाया गया है। ताजा घटना लखीमपुर खीरी जिले के नीमगांव थानाक्षेत्र के धंवरपुर गांव की दलित छात्रा की हत्या का है, जो सोमवार को वजीफे का फार्म भरने घर से निकली थी और अगले दिन उसकी लाश मिली।

इससे पहले इसी जिले में ईसानगर की एक अन्य घटना में 13 वर्षीय दलित किशोरी की गैंगरेप के बाद नृशंस हत्या और गोरखपुर के बांसगांव क्षेत्र में ईंट भट्ठे पर काम करने वाले दलित मजदूर की नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना हो चुकी है। इंकलाबी नौजवान सभा की एक टीम इस घटना की पड़ताल करने गोरखपुर के घटनास्थल पर गई थी और टीम के सदस्य पीड़िता के परिजनों से भी मिले थे। वहीं ईसानगर की घटना में ऐपवा व माले ने जिले में प्रदर्शन कर मृतका के लिए न्याय की मांग की थी।

माले राज्य सचिव ने कहा कि योगी राज का 'रामराज्य' वास्तव में जंगलराज है, जिसमें अपराधियों और दबंगों ने कानून व्यवस्था का अपहरण कर लिया है और प्रदेशवासियों की सुरक्षा का कोई पुरसाहाल नहीं है। ऐसे में सरकार के होने न होने का कोई मतलब नहीं रह गया है।

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