किसान नेता वीरेंद्र यादव पर जानलेवा हमला, BJP एमएलसी रामसूरत राजभर पर लगाये गंभीर आरोप-परिवार के लिए मांगी सुरक्षा
किसान नेता वीरेंद्र यादव का आरोप है उनको जान से मारने की नीयत से हमला भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर द्वारा हमला करवाया गया और जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश भी की गयी, ठीक इस तरह देवरिया ज़िले में प्रेमचंद यादव की हत्या की गई थी, वीरेंद्र यादव ने अपने और अपने परिवार की जान-माल के सुरक्षा की मांग की है...
पवई, आज़मगढ़। पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव और उनके भाई अरुण यादव पर आज 25 सितंबर को जानलेवा हमला हुआ है। गंभीर चोटों के चलते पवई स्वास्थ्य केंद्र द्वारा उन्हें सदर अस्पताल आज़मगढ़ रेफर कर दिया गया। किसान नेता राजीव यादव, श्याम सुंदर मौर्या, जंगल देव, राज शेखर और अवधेश यादव ने किसान नेता वीरेंद्र यादव से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव का आरोप है कि किसानों का सवाल उठाने की वजह से साजिशन भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर की शह पर उनकी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा कराने की कोशिश की गई। एसडीएम फूलपुर ने नापी करवाकर कब्ज़े को अवैध बताते हुए खेत में कब्ज़ा करने से रोकने के लिए स्टे ऑर्डर लाया है। किसान नेता ने कहा कि भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर लगातार प्रशासन पर दबाव बनाते रहे। आज 25 सितंबर की सुबह सात बजे के करीब जब फिर से उनकी ज़मीन पर दबंगों द्वारा कब्ज़ा करने की कोशिश की गई, तब उन्होंने रोका, जिस पर उन्हें रस्सी से बांधकर रॉड से मारा-पीटा गया। किसान नेता वीरेंद्र यादव का आराप है उनको मारने के लिए बदमाश यूपी 45 एपी 6618 नंबर की गाड़ी से आए थे। उनको बचाने आए उनके भाई अरुण यादव को भी गंभीर चोटें आईं।
किसान नेता वीरेंद्र यादव के मुताबिक उनसे थानाध्यक्ष पवई ने कहा कि आप तहरीर बदल दीजिए और हमारे एसआई चंद्रशेखर सिंह से बात कर लीजिए। मैं जब चंद्रशेखर सिंह के पास गया तो उन्होंने कहा कि आपको जो अपहरण कर बंधक बनाया और रॉड से पीटा गया इस संदर्भ को हटा दीजिए, इससे सरकार की बदनामी होगी।
पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर के दबाव के चलते मेरी एफआईआर नहीं दर्ज की गई और मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गयी है।
किसान नेता वीरेंद्र यादव का आरोप है उनको जान से मारने की नीयत से हमला भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर द्वारा हमला करवाया गया और जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश भी की गयी। यह हमला ठीक वैसे ही था, जिस तरह से देवरिया ज़िले में प्रेमचंद यादव की हत्या की गई थी, वीरेंद्र यादव ने अपने और अपने परिवार की जान-माल के सुरक्षा की मांग की है।