इजराइल सरकार के फिलीस्तीनी गाजा पट्टी पर एक महीने से जारी आक्रमण के विरोध में हरियाणा में प्रदर्शन

यूएन समेत पूरी दुनिया इस आक्रमण को रोकने की अपील कर रही है, परंतु नेतन्याहू और उसकी सेना बेखौफ होकर नरसंहार में जुटी है। इस प्रकार की घटनाएं पूंजीवादी तानाशाही की बेहद घृणित और क्रूर तस्वीर पेश करती है...

Update: 2023-11-07 12:10 GMT

हरियाणा। आज 7 नवंबर 2023 को रूसी समाजवादी क्रांति की 106वीं वर्षगांठ पर जन संघर्ष मंच हरियाणा व समतामूलक महिला संगठन द्वारा गोहाना में इजरायली सरकार द्वारा फिलिस्तीन की गाजा पट्टी पर एक महीने से जारी आक्रमण के विरोध में प्रदर्शन किया गया।

गौरतलब है कि फिलिस्तीन की गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक क्षेत्र पर इजरायली सेना ने कई दशकों से कब्जा कर रखा है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सहायता से सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों, मान्यताओं और नीति-नैतिकताओं को ताक पर रख कर गाजापट्टी में दस हजार से अधिक महिलाओं, बच्चों व पुरुषों को भीषण बमबारी कर मौत के घाट उतार दिया है। रिहायशी इलाकों, अस्पतालों, स्कूलों व सुरक्षा शिविरों पर महीने भर से भीषण हमले जारी हैं।

यूएन समेत पूरी दुनिया इस आक्रमण को रोकने की अपील कर रही है, परंतु नेतन्याहू और उसकी सेना बेखौफ होकर नरसंहार में जुटी है। इस प्रकार की घटनाएं पूंजीवादी तानाशाही की बेहद घृणित और क्रूर तस्वीर पेश करती है। सन 1917 में महान अक्टूबर समाजवादी क्रांति के बाद मज़दूर वर्ग ने अपना राज कायम कर विश्व-पूंजीवाद के खिलाफ चुनौती पेश की थी।

इस क्रांति ने पूरी दुनिया में श्रमिकों के संघर्षों को तेज किया।भारत में भी शहीद भगत सिंह और उनके साथियों ने इससे प्रेरित हो कर देश में शोषणहीन, समतामूलक समाज स्थापित करने का प्रयास किया था। इस क्रांति से सबक लेते हुए फिलिस्तीनी मजदूर वर्ग एकजुट होकर इजराइल और इसके पश्चिमी समर्थकों के खिलाफ सफल संघर्ष द्वारा ज़ायनवादी हत्यारी सत्ता से मुक्ति हासिल कर सकता है।

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