इंदौर में मणिपुर हिंसा के खिलाफ किसान-मजदूर और आदिवासियों का प्रदर्शन, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
मणिपुर में 6000 से अधिक मामले पुलिस रिपोर्ट में दर्ज हो चुके हैं और 7000 से लोग पुलिस हिरासत में हैं, मैताई एवं कुकी समाज की जातिगत रंजिश थमने का नाम नहीं ले रही हैं...
इंदौर। पिछले 3 माह से जातीय हिंसा में जल रहे मणिपुर की घटनाओं को लेकर किसान, मजदूर, आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इंदौर के संभाग आयुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा, मणिपुर की मां, बहन, बेटियों के साथ जिस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया है, उन्हें निर्वस्त्र करके सड़कों पर घुमाया जा रहा है, बलात्कार किए जा रहे हैं इस तरह की जघन्य दिल को हिला देने वाली स्तब्धकारी लज्जा से सर को झुकाने वाली व देश को शर्मसार करने वाली घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि मणिपुर स्थानीय राज्य सरकार जातीय हिंसा को दबाने की बजाय उसे भड़काने का कार्य कर रही है। हद तो तब हो जाती है सत्तापक्ष के नेतागण यहां भी हिंदू-मुस्लिम कर गंभीर स्थिति से जनता का ध्यान भटकाने का कार्य कर रहे हैं। इससे मणिपुर में सरकार द्वारा शांति बहाल करने के प्रयास नजर नहीं आ रहे हैं। केंद्र सरकार की खामोशी भी इस बात का संकेत देती है कि उक्त घटनाओं पर प्रदेश की एन बीरेन सिंह सरकार के साथ खड़ी है।
गौरतलब है कि मणिपुर में आज तक 60000 लोग घरों से बेघर हो चुके हैं और 5000 से ज्यादा आगजनी की घटनाएं हुई हैं। हजारों लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं और सैकड़ों लोग मारे गए हैं। कई लोग लापता हैं। 6000 से अधिक मामले पुलिस रिपोर्ट में दर्ज हो चुके हैं और 7000 से लोग पुलिस हिरासत में हैं। मैताई एवं कुकी समाज की जातिगत रंजिश थमने का नाम नहीं ले रही है।
इसी संबंध में इंदौर के किसान, मजदूर, आदिवासी संगठनों द्वारा आज 25 जुलाई को प्रदेशभर में जिला एवं संभागीय मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति के नाम शांति बहाली करने के लिए ज्ञापन प्रस्तुत किए गए। प्रदर्शन स्थल पर हुई सभा को किसान सभा से अरुण चौहान, सीटू से सीएल सरावत, कैलाश लिंबोदिया, परेश टोकेकर, आदिवासी एकता महासभा से भादर सिंह कटारे, राकेश मीणाव, खेत मजदूर यूनियन से काशीराम नायक ने संबोधित किया।
प्रदर्शन सभा के पश्चात महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन संभाग आयुक्त कार्यालय पर उपायुक्त जानकी यादव और माफी तहसीलदार हुड्डा को प्रस्तुत किया। ज्ञापन के माध्यम से मणिपुर में हो रही हिंसा को और दहशतजदा करने वाली घटनाओं को तत्काल रोके जाने, शांति बहाली किए जाने की मांग व पीड़ित नागरिकों को तत्काल राहत पहुंचाने तथा उनकी नष्ट की गई संपत्ति का उचित मुआवजा दिलाने की मांग की गयी। इसके साथ ही आम जनता में विश्वास पैदा करने के लिए तत्काल दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई किए जाने तथा मणिपुर सरकार के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तत्काल बर्खास्त किए जाने की भी मांग की गयी।
प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने और केंद्र की मोदी सरकार को भी शांति स्थापित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए जाने की मांग की गई। मुख्य रूप से प्रदर्शन में भागीरथ कछवाहा, रायसिंह भाटिया, कमलादेवी राठौर व छगनलाल चौहान और अन्य कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।