मारुति के बर्खास्त कर्मचारियों ने अपने परिजनों के साथ मानेसर धरनास्थल पर आयोजित की विरोध सभा, पुलिस प्रशासन पर लगाये गंभीर आरोप
15 अक्टूबर को एसडीएम मानेसर ने मजदूरों को अपना धरना बंद करने की 'सलाह' देते हुए निषेधाज्ञा नोटिस भेजा। कल 18 अक्टूबर को मानेसर पुलिस ने 2 मजदूरों को 7 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया, क्योंकि वे फैक्ट्री गेट पर पर्चे बांटकर पुलिस के अनुसार ‘औद्योगिक शांति भंग’ कर रहे थे...
Maruti Manesar worker Protest : मारुति के बर्खास्त कर्मचारियों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ आईएमटी मानेसर में चल रहे अपने धरनास्थल पर आज 19 अक्टूबर को विरोध सभा आयोजित की, जिसमें सभी बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली, मारुति सुजुकी में अस्थायी कर्मचारियों के लिए उचित वेतन समझौता और स्थायीकरण की मांग की गई।
प्रशासन और पुलिस के दबाव को दरकिनार करते हुए मारुति के कर्मचारियों ने आज 19 अक्टूबर को आईएमटी मानेसर में अपने धरनास्थल पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें परिवार के सदस्य, हरियाणा और अन्य जिलों के गांवों के किसान, विभिन्न मजदूर और छात्र-युवा संगठन, पत्रकार और प्रगतिशील व्यक्ति शामिल हुए। कर्मचारियों की मांगों, अर्थात् सभी बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली, मारुति के सभी अस्थायी कर्मचारियों के लिए उचित वेतन समझौता और स्थायीकरण और सभी झूठे मामलों को वापस लेना को मारुति मजदूर और अन्य वक्ताओं द्वारा जोरदार तरीके से उठाया गया।
मारुति के मजदूरों, उनके परिवार के सदस्यों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक को संबोधित किया। मारुति सुजुकी स्ट्रगल कमिटी के कामरेड खुशीराम और कामरेड सतीश ने बैठक का संचालन किया और कमिटी की ओर से कामरेड कटार सिंह ने भी सभा को संबोधित किया। जनसंघर्ष मंच हरियाणा से उषा, सीएसटीयू से मुकुल, आईएमके से श्यामबीर, बेलसोनिका यूनियन से पिंटू, क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा फ़रीदाबाद से सत्यवीर सिंह, श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर एवं नेस्ले यूनियन रुद्रपुर से चन्द्र मोहन लखेड़ा, रॉकेट रिद्धि सिद्धि यूनियन रुद्रपुर से भास्कर, श्रमिक संग्राम कमिटी से शुभाशीष, मजदूर सहायता समिति से अमित, परिवार के सदस्यों से रेना मिश्रा, करोलिया लाइटिंग यूनियन रुद्रपुर से हरेंद्र, कलेक्टिव से सौर्या, पीएसवाईए से अनुभव, आइसा से अभिज्ञान, डीएसएफ से मौसम, एसयूसीआई से श्रवण, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) से सोमनाथ, AICWU से श्याम, मजदूर अधिकार संगठन के शिवकुमार, मारुति से बर्खास्त कर्मचारी अमित नयन, जसवाल आदि वक्तायों ने संबोधित किया। कई साथियों ने क्रांतिकारी गीत गाए और सभा में जोश भरा।
यह प्रदर्शन प्रशासन और पुलिस द्वारा मजदूरों को अनिश्चितकालीन धरना, चल रही क्रमिक भूख हड़ताल और मारुति तथा अन्य कारखानों के मजदूरों के बीच अभियान बंद करने के लिए मजबूर करने के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रयासों का कड़ा जवाब था और सभी दबाव की रणनीति का सामना करते हुए अपने चल रहे संघर्ष और धरने को जारी रखने के उनके दृढ़ संकल्प का संकेत था।
15 अक्टूबर को एसडीएम मानेसर ने मजदूरों को अपना धरना बंद करने की 'सलाह' देते हुए निषेधाज्ञा नोटिस भेजा। कल 18 अक्टूबर को मानेसर पुलिस ने 2 मजदूरों को 7 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया, क्योंकि वे फैक्ट्री गेट पर पर्चे बांटकर पुलिस के अनुसार ‘औद्योगिक शांति भंग’ कर रहे थे।
कल 18 अक्टूबर को पुलिस बल द्वारा धरनास्थल पर शांतिपूर्वक बैठे मजदूरों को बार-बार परेशान किया। मजदूरों और अन्य वक्ताओं ने पुलिस और प्रशासन द्वारा इन धमकियों और उत्पीड़न के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई। कर्मचारियों ने न्याय के लिए अपना संघर्ष जारी रखने और आने वाले दिनों में अस्थायी कर्मचारियों के मुद्दों और मांगों को और अधिक जोरदार तरीके से उठाने की घोषणा की।