भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने किया था वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने का वादा, मगर धामी उनके वादे के खिलाफ उजाड़ रहे पूछड़ी को !

मोदी सरकार ने अंग्रेजों के जमाने कि भारतीय दंड संहिता को बदलकर इसे न्याय संहिता का नाम दिया है, परंतु इसमें किए गए बदलाव अंग्रेजों के बनाए गए कानूनों से भी भी कानून को क्रूर हैं...

Update: 2024-10-21 16:22 GMT

Ramnagar news : उत्तराखंड स्थित रामनगर के ग्राम पूछड़ी के ग्रामीण अपने घरों को बचाने के लिए 28 अक्टूबर को रामनगर एसडीएम कार्यालय में भूख हड़ताल करेंगे। आज 21 अक्टूबर को संयुक्त संघर्ष समिति की व्यापार भवन में हुई बैठक में अपने घरों को बचाने के लिए आगामी 28 अक्टूबर, सोमवार को रामनगर एसडीएम कार्यालय पर एक दिवसीय उपवास करने का निर्णय लिया गया है।

बैठक में पूछड़ी क्षेत्र में भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लगाए जाने के निर्णय को गैर संवैधानिक करार देते हुए इसे तत्काल समाप्त करने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने अंग्रेजों के जमाने कि भारतीय दंड संहिता को बदलकर इसे न्याय संहिता का नाम दिया है, परंतु इसमें किए गए बदलाव अंग्रेजों के बनाए गए कानूनों से भी भी कानून को क्रूर हैं।

बैठक में ग्राम पूछडी व अन्य स्थानों पर भाजपा सरकार द्वारा लोगों के घर तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाने, सभी वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने, जंगल का काला कानून भारतीय वन अधिनियम, 1927 उत्तरांचल संशोधन 2001 को रद्द किए जाने, उत्तराखंड में जो व्यक्ति जहां पर निवास कर रहा है, उसे वहीं पर नियमित कर मालिकाना हक देने व किसी भी व्यक्ति को हटाने से पूर्व उसको पुनर्वासित किए जाने आदि मांगों को लेकर आंदोलन आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

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बैठक में वक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी और पौड़ी लोकसभा सांसद अनिल बलूनी के आपसी अंतरविरोधों की कीमत पूछड़ी के ग्रामीणों को चुकानी पड़ रही है। नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा सीट के सांसद अजय भट्ट के संसदीय क्षेत्र के वन गांव ढमुआढुंगा व बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, परंतु अनिल बलूनी के संसदीय क्षेत्र के वन गांव पूछड़ी को उजाड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी अपने प्रतिद्वंदी अनिल बलूनी का कद छोटा करना चाहते हैं। यही कारण है कि बलूनी के द्वारा चुनाव पूर्व किए गए वादे सभी वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने के खिलाफ जाकर पूछड़ी को उजाड़ रहे हैं।

बैठक में ग्रामीणों ने प्रभागीय वनाधिकारी, तराई पश्चिमी रामनगर द्वारा की जा रही बेदखली की कार्रवाई को गैरकानूनी व असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि हम सड़क एवं न्यायालय दोनों स्थानों पर अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

बैठक में उपपा नेता प्रभात ध्यानी, इंकलाबी मजदूर केन्द्र के रोहित रुहेला, महिला एकता मंच की सरस्वती, साहिस्ता, दुर्गा देवी, अंजली, आइसा के सुमित, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल, ग्राम प्रधान रमेश आर्य, सीमा तिवारी, गणेश, जुबेर, ठेका मजदूर कल्याण समिति के किशन शर्मा, मनमोहन अग्रवाल,व समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार समेत दर्जनों लोगों ने भागीदारी की।

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