27 साल से सत्तासीन भाजपा सरकार ने दिया हमें धोखा, जेबकतरी BJP के PM मोदी भी चलते बने सिर्फ आश्वासन देकर - गुजरात के आंदोलनकारी किसानों की चेतावनी
Gujrat Farmer Protest : आंदोलनकारी किसान कहते हैं, हमने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मार्ग पर चलकर 27 साल पहले भाजपा की सरकार को चुना था, लेकिन अब की सरकार लुटेरी हो चुकी है इसलिए लुटेरों को हम वोट नहीं देंगे, यह सरकार सिर्फ विज्ञापनों की सरकार है, हकीकत में इसने कुछ भी काम नहीं किया...
दत्तेश भावसार की रिपोर्ट
Gujrat Farmer Protest : पिछले 6 माह से गुजरात के किसान अपनी कई मांगों को लेकर विभिन्न स्तर पर आवेदन पत्र देकर अपनी बात सत्तासीन भाजपा सरकार तक पहुंचा रहे थे, लेकिन 6 माह के बाद कोई नतीजा न निकलने पर 20 अगस्त से 700 किसान गांधीनगर में धरने पर बैठे हुए हैं। धरने के 15 दिन बाद भी उनकी मांगें न मानने पर गुजरात में कई जगह किसानों ने चक्का जाम किया। कच्छ के सामखियाली में भी किसानों ने चक्का जाम किया था सामखियाली वह जगह है जहा से कच्छ पूरे देश से जुड़ता है, उस रोड को बंद करके किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है।
किसान नेता शिवजी भाई कहते हैं, यहां जेबकतरों की सरकार। इस सरकार को भगवान सद्बुद्धि, हम ऐसी प्रार्थना रामधुन के साथ करते हैं। 27 साल से सत्तासीन भाजपा को को किसान विरोधी और जेब कतरी सरकार मानते हुए किसानों ने 2 सितंबर से अपना आंदोलन उग्र कर दिया है। गुस्से से भरे किसान कहते हैं, इस सरकार को बनाने में हम किसानों का सबसे बड़ा योगदान है, बावजूद इसके यह सरकार हमारी मांगे नहीं मांग रही, जबकि सरकार में बैठे सारे लोग मानते हैं कि किसानों की मांग उचित है।
किसानों की 21 मांगों में मुख्य तौर पर बिजली की समस्या शामिल है। किसानों की मुख्य मांग है कि राज्य सरकार सभी किसानों को समान दर पर बिजली मुहैया कराये, साथ ही हॉर्सपावर कनेक्शन वाले किसानों से अधिक शुल्क नहीं लिया जाए।
CM भूपेंद्र पटेल सरकार से दूसरी महत्वपूर्ण मांग लंपी वायरस से मरे हुए लाखों पशुओं का मुआवजा दिये जाने की भी है। 2019 का फसल बीमे का मुआवजा देने समुचित इन सारी मांगों को गुजरात सरकार उचित मानती है, लेकिन देने में असमर्थता व्यक्त करती है।
जब प्रधानमंत्री मोदी गुजरात दौरे पर थे तो उन्होंने किसानों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी सारी मांगें मान ली जायेंगी, मगर लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का गुजरात दौरा खत्म हो जाने के बाद भी किसानों की मांगें न मानने पर किसान आग बबूला हो चुके हैं, इसी से गुस्साकर उन्होंने चक्काजाम किया।
किसान कहते हैं एक हॉर्स पॉवर कनेक्शन वाला किसान सालाना 665 रुपये और 100 हॉर्स पॉवर की खपत के लिए 66,500 रुपये का भुगतान कर रहा है। कृषि बिजली कनेक्शन और मीटर रखने वाले किसानों को पहले पांच वर्षों के लिए प्रति यूनिट 80 पैसे और 20 रुपये का भुगतान करना होगा। इस तरह के शुल्क के साथ एक किसान उसी 100 हॉर्स पावर के लिए सालाना 1,20,000 रुपये का भुगतान कर रहा है। यह बिना मीटर के उपभोक्ता के दाम से लगभग दोगुना है। इसलिए सभी कृषि उपभोक्ताओं को समान दर पर बिजली की आपूर्ति की जाए।
आंदोलनकारी किसान कहते हैं, 'भाजपा की विचार हीन सरकार है, यह गांधीनगर से चलती है कि और कहीं और से, यह भी किसानों के लिए जानना जरूरी है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से किसानों की मांगें मानने के लिए उनसे बातचीत की जा रही है। किसानों से बातचीत करने के लिए जो कमेटी बनी है उसमें 5 मंत्री शामिल हैं। किसान कहते है।, इन मंत्रियों और भाजपा सरकार ने उनके साथ धोखा किया है, इसलिए हम इन पांचों मंत्रियों को आने वाले चुनाव में किसी भी सार्वजनिक जगह पर प्रचार करने के लिए घुसने नहीं देंगे।
किसान शिवजी भाई कहते हैं, 'अब अंधभक्ति छोड़कर यथार्थ में जीने का समय आ गया है। किसानों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मार्ग पर चलकर 27 साल पहले भाजपा की सरकार को चुना था, लेकिन अब की सरकार लुटेरी हो चुकी है इसलिए लुटेरों को हम वोट नही देंगे। यह सरकार सिर्फ विज्ञापनों की सरकार है, हकीकत में इसने कुछ भी काम नहीं किया।
किसान नेता कहते हैं, अब सत्ता परिवर्तन ही आखिरी रास्ता है। भाजपा सरकार की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है, इसलिए विनाश काले विपरीत बुद्धि हो गयी है।
शिवजी भाई बताते हैं, अगर सरकार नहीं मानी तो किसानों का आंदोलन लंबा भी खिंच सकता है, जो किसान गांधीनगर में बैठे हैं वह सक्षम हैं अगले 1 साल तक आंदोलन चलाने के लिए। अब देखने वाली बात यह है कि गुजरात सरकार पुलिस टेंपरेरी, सरकारी कर्मचारी और अन्य कर्मचारियों की मांग मानने के बाद किसानों की मांगें मानेगी या फिर यह आंदोलन और लंबा चलेगा।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने द्वारिका में किसानों के लिए गारंटी की घोषणा की, जिसमें 12 घंटे दिन में बिजली, एमएसपी की गारंटी किसानों के 200000 तक के ऋण माफी जैसी गारंटी की गयी है। अरविंद केजरीवाल ने कहा, अगर आम आदमी पार्टी की सरकार गुजरात में आई तो किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। मुझे पता चला कि गुजरात में किसानों को अपने खेतों की सिंचाई के लिए रात में बिजली मिलती है, अगर आप सत्ता में आती है तो हम दिन में बिजली देंगे, वह भी 12 घंटे के लिए। हम इस सरकार की ओर से किए गए भूमि सर्वेक्षण को भी रद्द कर देंगे और फिर से सर्वे का आदेश देंगे। किसानों को सिर्फ रात में सिंचाई के लिए बिजली देना गलत है, जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को 24 घंटे बिजली मिल सकती है।'
अरविंद केजरीवाल की गारंटी के बाद किसान संघ के कई किसानों ने आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की चर्चाएं आम हो चुकी हैं, लेकिन ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आने वाला चुनाव ही बताएगा।