कृषि कानूनों पर 9वें दौर की आज की वार्ता से किसानों को खास उम्मीद नहीं, राजभवनों का घेराव करेगी कांग्रेस

आज की वार्ता को लेकर किसान नेता कोई खास उम्मीद नहीं जता रहे, उधर कानूनों के विरोध में कांग्रेस आज विभिन्न राज्यों के राजभभवनों का घेराव करने वाली है..

Update: 2021-01-15 04:56 GMT

(file photo)

जनज्वार। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन आज शुक्रवार को 51वें दिन भी जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर स्थित सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसान संगठनों के नेताओं की अगुवाई में किसानों का प्रदर्शन लगातार चल रहा है। इस बीच किसान संगठनों के साथ केंद्र सरकार की आज 9वें दौर की वार्ता होनी है, हालांकि वार्ता के को लेकर किसान नेता कोई खास उम्मीद नहीं जता रहे।

उधर कानूनों के विरोध में कांग्रेस आज विभिन्न राज्यों के राजभभवनों का घेराव करने वाली है। खुद राहुल गांधी भी सड़क पर उतरने वाले हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में गवर्नर हाउस तक मार्च का नेतृत्व करने वाले हैं। पार्टी आज एक 'किसान अधिकार दिवस' मना रही है और सभी राज्य इकाइयों को राज्यों में सभी राजभवन को घेराव करने के लिए कहा गया है।

पार्टी के एक अधिकारी ने एएनआइ को बताया,  'पार्टी ने अपनी सभी राज्य इकाइयों को अपने राज्यों में घेराव राजभवन और केंद्रशासित प्रदेशों में एलजी के घरों को घेरने को कहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ पार्टी नेता दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित दिल्ली में विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।'

इस बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कमेटी गठन के बाद केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच आज यह पहली वार्ता है। हालांकि अब तक 8 दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका है। किसानों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में यह वार्ता दिन के दोपहर 12 बजे आरंभ होगी।

उधर नवें दौर की वार्ता से एक दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार यूनियन के नेताओं के साथ खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है। तोमर ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि किसानों के साथ इस दौर की वार्ता सकारात्मक रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगाया हुआ है। दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक लगाई थी और मसले के समाधान के लिए एक कमेटी बनाई थी। हालांकि कमेटी में शामिल भारतीय किसान यूनियन के नेता भूपिंदर सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है।

वैसे किसानों को आज होनेवाली इस वार्ता से कोई खास उम्मीद नहीं है। चूंकि किसान जहां तीनों नए कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं, वहीं सरकार इसपर कोई खास आश्वासन किसानों को नहीं दे पा रही।

आज की वार्ता को लेकर किसान नेता हरिंदर सिंह ने मीडिया से कहा 'किसानों की सिर्फ दो मांगें बची हैं जो प्रमुख हैं और इनमें से पहली मांग तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की है। इस मांग के पूरे होने पर ही किसान नेता दूसरी मांग पर चर्चा करेंगे।'

आज की वार्ता को लेकर भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने भी मीडिया से कुछ ऐसी ही बात कही है। उन्होंने कहा 'शुक्रवार की बैठक एक औपचारिकता भर ही है, क्योंकि इस बैठक में कोई एजेंडा नहीं है। जब कोई बैठक बिना एजेंडे की होती है, तो उससे ज्यादा कुछ उम्मीद लगाना ठीक नहीं होता है।'

उन्होंने कहा 'हमें लगता है कि पिछली बैठकों की ही तरह इस बैठक का भी कोई नतीजा नहीं निकलेगा। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमिटी और उसमें मौजूद सदस्यों पर उठे सवालों के बाद हमें यह कमिटी मंजूर नहीं है। इस बीच बैठक में भाग नहीं लेने से एक गलत संदेश जा सकता था, लिहाजा हम इस बैठक का बहिष्कार तो नहीं कर रहे हैं, लेकिन हमें ज्यादा उम्मीद नहीं है।'

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