किसान आंदोलन हुआ और तेज, 16 को 500 गाड़ियों से आएंगे किसान, टिकैत फिर बोले - वापस लो कानून

दिल्ली से लगी सीमाओं पर किसानों का जुटान नए सिरे से शुरू हो गया है। 16 दिसंबर को बड़ी संख्या में किसानों का जत्था सिंघु बाॅर्डर पहुंचने वाला है।

Update: 2020-12-13 05:09 GMT

सिंघु बाॅर्डर पर डटे किसान, रविवार सुबह का दृश्य।

जनज्वार। एक ओर जहां कुछ छोटे व कम प्रभावी किसान गुटों से वार्ता के बाद सहमति बनने का दावा कर रही है, वहीं हरियाणा व उत्तरप्रदेश से लगी सीमाओं पर किसानों को जुटान तेज हो गया है। किसानों का एक नया जत्था शनिवार की रात्रि सिंघु बाॅर्डर पर आंदोलन में शामिल होने पहुंचा गया है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया है कि बिना कृषि कानून वापस लिए कोई राह नहीं निकल सकती है।

सिंघु बाॅर्डर पर एक शनिवार रात पहुंचे एक किसान ने कहा कि पंजाब, राजस्थान व हरियाणा से और किसान यहां आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 16 दिसंबर को 500 ट्रालियों में सवार होकर किसान यहां पहुंचने वाले हैं।

सिंघु बाॅर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन रविवार को भी जारी है। उनके विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सुरक्षा बल वहां तैनात किए गए हैं।

वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य, तीन कृषि कानून और किसानों के जितने भी मुद्दे हैं, उन पर सरकार बातचीत करे और इनका समाधान करे। उन्होंने कहा कि जबतक यह कानून वापस नहीं होता, किसान यहां से नहीं जाएंगे। राकेश टिकैट दिल्ली-यूपी बाॅर्डर पर डटेे हैं।


वहीं, प्रदर्शनकारी किसानों की मदद के लिए विभिन्न संगठन व लोग भी आगे आ रहे हैं। पंजाब से आए दो जुड़वा भाई गाजीपुर बाॅर्डर पर प्रदर्शनकारियों को गर्म कपड़े बांट रहे हैं। इनमें से एक भाई करणवीर ने कहा कि कौन सड़कों पर रहना पसंद करता है। यह संघर्ष का समय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यह समझेंगे कि देश किसानों के बिना प्रगति नहीं कर सकता है।



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