#FarmersProtest वार्ता के बहाने आंदोलन को तोड़ने का आरोप, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर अमित शाह से मिलने पहुंचे
किसान नेताओं की आज फिर सरकार से वार्ता हो रही है। आज का दिन सरकार और किसान संगठनों के लिए महत्वपूर्ण है। अगर वार्ता विफल रही तो आंदोलन तेज हो सकता है। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं...
जनज्वार। एक सप्ताह से अधिक समय से जारी किसान आंदोलन के लिए गुरुवार का दिन निर्णायक है। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ आज नरेंद्र मोदी सरकार की अहम बैठक हो रही है। बैठक में शामिल होने के विभिन्न किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधि विज्ञान भवन पहुंचे हैं। अगर किसान संगठनों की सरकार के साथ आज की भी बैठक विफल रहती है तो आंदोलन को और तेज होने की संभावना बढ जाएगी। इससे पहले एक दिसंबर को सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने किसान नेताओं के साथ बैठक की थी।
इस बीच एक अहम खबर यह है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके दिल्ली आवास पहुंचे हैं। ध्यान रहे कि कैप्टन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री व भाजपा नेता मनोहर लाल खट्टर किसानों आंदोलन को हवा देने व उन्हें भड़काने का आरोप लगा चुके हैं।
सिंघु बार्डर का हाल, क्या बोले किसान नेता
दिल्ली-हरियाणा के बीच सिंघु बार्डर पर भी किसान आंदोलनरत हैं। वहां से 35 किसान नेताओं का प्रतिनिधिमंडल सरकार से वार्ता के लिए विज्ञान भवन रवाना हुआ है। न्यूज एजेंसी एएनआइ के अनुसार, उनमें से एक किसान नेता ने कहा है कि हमारे प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी किसान शिक्षित हैं और हम यह जानते हैं कि हमारे लिए क्या ठीक है। उन्होंने कहा कि हम कृषि कानून की वापसी चाहते हैं।
हालांकि एहतियात के तौर पर सिंघु बार्डर पर भारी संख्या में आज भी सुरक्षा बलों को तैनात कर रखा गया है।
हालांकि किसान नेताओं के एक वर्ग का आरोप है कि सरकार बातचीत के बहाने उनके आंदोलन को तोड़ना चाहती है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के संयुक्त सचिव एसएस सुभरन ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को बांटना चाहती है। हमलोग सरकार की इस बैठक में तबतक शामिल नहीं होना चाहते हैं जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सभी 597 किसान यूनियनों के साथ वार्ता नहीं करते हैं।
गाजीपुर बार्डर का हाल
उधर, दिल्ली के सीमाई इलाकों में किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी है। दिल्ली-यूपी के बीच गाजीपुर बार्डर पर बड़ी संख्या में यूपी व उत्तराखंड के किसान डटे हुए हैं और इस बीच पुलिस ने यह उम्मीद जतायी है कि जल्द ही सड़क पर इनका जुटान खत्म हो जाएगा। सिटी एसपी अभिषेक शर्मा ने कहा है कि हमलोग किसानों से सड़क जाम करने को लकर वार्ता कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि रोड जल्द खुल जाएगी।