#FarmersProtest वार्ता विफल होने पर किसानों का आंदोलन तेज, आज दिल्ली कूच करने की तैयारी

अगर किसानों की वार्ता मोदी सरकार से विफल होती है तो इसके अधिक तेज होने और अन्य राज्यों में विस्तार होने की संभावना बढ जाएगी जो सरकार की मुश्किलें बढा देगी...

Update: 2020-12-02 05:47 GMT

जनज्वार। मंगलवार को केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की वार्ता विफल रहने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन सख्त करने का फैसला किया है। इसलिए किसान आज दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन को देखते हुए बुधवार को सिंघु, टेकरी, झाड़ौदा, चिल्ला बाॅर्डर को आवागमन के लिए बंद कर दिया है। किसान आज भी दिल्ली के बाद विभिन्न स्थलों पर हाइवे पर धरना दे रहे हैं।


दिल्ली-हरियाणा के बीच के सिंघु बाॅर्डर पर उनका प्रदर्शन आज भी जारी है। बाहरी नार्थ दिल्ली के डीसीपी गौरव शर्मा ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ सार्थक बात हुई है और हमलोगों कानून व्यवस्था को लेकर किसी भी हालात से निबटने को तैयार हैं।


किसान दिल्ली-गाजियाबाद के बाॅर्डर पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं और वहां उन्होंने बेरिकेड हटाने की कोशिश की है। किसानों के आंदोलन के मद्देनजर चिल्ला बाॅर्डर पर सुरक्षा बढा दी गई है। वहीं, डीएनडी मार्ग पर जबरदस्त जाम की स्थिति है।


आंदोलन का बढ सकता है दायरा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चारों ओर जुट रहे किसानों का दायरा बढने का आसार है। अभी प्रमुख रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड के किसान ही आंदोलन में शामिल हुए हैं, लेकिन अब इस बात की संभावना बन रही है कि दूसरे राज्यों के किसान भी दिल्ली कूच करेंगे। मध्यप्रदेश के ग्वालियर के किसानों ने बुधवार को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है।


तीन दिसंबर को फिर होगी वार्ता

मंगलवार को सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व पीयूष गोयल ने किसानों से वार्ता की थी, जिसके बाद तोमर ने बयान दिया था कि बुधवार को किसानों से उनके सुझाव मांगे गए हैं जिस पर तीन दिसंबर की बैठक में चर्चा होगी। सरकार के प्रतिनिधियों ने भारतीय किसान यूनियन व पंजाब के किसानों के साथ वार्ता की थी। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा है कि हम कल कृषि कानूनों के खिलाफ बुधवार को एक मसौदा पेश करेंगे।

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