'BJP-RSS जैसी फासिस्ट ताकतें संस्कृति का चोला ओढ़ हिंसा और नफरत की कर रही हैं राजनीति'

11th Congress of CPIML : भाजपा और आरएसएस जैसी फासिस्ट ताकतें संस्कृति का ही चोला ओढ़कर हिंसा व नफरत की राजनीति कर रही हैं. हमें उस गंगा-जमुनी तहजीब को बचाना है जो लंबे अरसे से हमारे देश की पहचान रही है....

Update: 2023-02-05 14:32 GMT

11th Congress of CPIML : भाकपा-माले के 11वें महाधिवेशन के मौके पर 15 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ रैली के प्रचार में जनसंस्कृति मंच की पटना इकाई का एक सप्ताह का सांस्कृतिक अभियान आज 5 फरवरी से शुरू हो गया.

गांधी मैदान स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह की मूर्ति पर सबसे पहले माल्यार्पण किया गया और उसके बाद एक संक्षिप्त सभा की गई. भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने लाल झंडा दिखलाकर इस कारवां को आगे की ओर विदा किया. मौके पर पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. रामजी राय सहित जसम के गालिब, अनिल अंशुमन, राजन, प्रमोद यादव, पुनीत आदि उपस्थित थे.

इस अवसर पर माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि हमारी रैली फासीवादी गिरोहों को मुकम्मल तौर पर पीछे धकेलने और लोकतंत्र-देश व संविधान बचाने के लिए हो रही है. इसमें संस्कृतिकर्मियों की बड़ी भूमिका है. भाजपा और आरएसएस जैसी फासिस्ट ताकतें संस्कृति का ही चोला ओढ़कर हिंसा व नफरत की राजनीति कर रही हैं. हमें उस गंगा-जमुनी तहजीब को बचाना है जो लंबे अरसे से हमारे देश की पहचान रही है.

रामजी राय ने कहा कि पटना में आयोजित 15 फरवरी की रैली का ऐतिहासिक महत्व है. आज पूरा देश बिहार की ओर देख रहा है. उन सबको उम्मीद है कि बिहार ही भाजपा से विपदा से देश की जनता की मुक्ति का रास्ता दिखलाएगा. पिछले दिनों बिहार की सत्ता से भाजपा की विदाई से उम्मीद बढ़ी है. यदि देश, संविधान और लोकतंत्र को बचाना है तो हम सबको मिलकर व्यापक एकता का निर्माण करना होगा और न केवल राज से बल्कि समाज से भी भाजपा की विदाई तय करनी होगी.

कार्यक्रम के संयोजक व पटना शहर के जाने माने शिक्षाविद गालिब ने कहा कि यह एक सप्ताह का अभियान है. इसके तहत हम पटना के विभिन्न मुहल्लों में अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए आम लोगों से 15 फरवरी की रैली में शामिल होकर देश बचाने की अपील है.

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