पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने झारखंडी पत्रकारों पर लगाया खबर छापने के लिए पैसे मांगने का गंभीर आरोप

अमिताभ कहते हैं, 'मुझे इस बात का कष्ट नहीं है कि समाचार प्रकाशित नहीं हुआ क्योंकि समाचारों का प्रकाशन एक अनवरत और सतत प्रक्रिया है किंतु इस प्रकरण में धनराशि नहीं दिए जाने के कारण समाचार प्रकाशित नहीं होने के कारण मुझे बेहद कष्ट हुआ है। जिस मीडिया के बल पर हम लोगों ने अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार के विरोध में अपनी लड़ाई शुरू की है, उसी मीडिया के कुछ साथियों द्वारा धनराशि न दिए जाने कारण हमारे समाचार प्रकाशित नहीं किए जाना मुझे अंदर तक झकझोर रहा है....

Update: 2023-12-01 11:48 GMT

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Jharkhand news : मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक बार फिर चर्चा में है। चर्चा का कारण है एक प्रेस कांफ्रेंस, जो उन्होंने झारखंड स्थित बोकारो में आयोजित करवायी थी। अमिताभ ठाकुर ने गंभीर आरोप लगाये हैं कि प्रेस कांफ्रेंस कवरेज करने आये पत्रकारों ने उनसे धन की मांग की थी।

समाचार वेबसाइट भड़ास के संपादक यशवंत सिंह के नाम लिखे पत्र में अमिताभ अपने कटु अनुभवों को साझा करते हुए कहते हैं, 'मैं आजाद अधिकार सेना का राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर मीडिया से जुड़ा एक अत्यंत ही कटु संदर्भ और अनुभव आपके माध्यम से सार्वजनिक पटल पर प्रस्तुत कर रहा हूं। जैसा कि आप अवगत हैं, आजाद अधिकार सेना अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार के विरोध के लिए बनी एक राजनीतिक पार्टी है, जिसे हम मूल रूप से एक राजनीतिक मूवमेंट मानते हैं।'

अमिताभ आगे लिखते हैं, 'इसी क्रम में मैं कल दिनांक 30 नवंबर 2023 को बोकारो, झारखंड आया था, जहां हम लोगों ने राजपूताना टावर, निकट सिटी मॉल, चिराचास में 3:00 बजे प्रेस वार्ता आयोजित किया था। इस प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु बोकारो से जुड़े दो-तीन गंभीर मुद्दे थे। इस दौरान पत्रकारों ने मेरी वार्ता को रिकॉर्ड भी किया। उनके द्वारा बताई गई सूचना के अनुसार वार्ता में झारखंड के लगभग सभी लब्धप्रतिष्ठ समाचार पत्रों और कुछ चैनल से जुड़े लोग उपस्थित थे। वार्ता के बाद मैंने इनमें से तमाम पत्रकारों के मोबाइल नंबर भी सेव किए थे। वार्ता के बाद मैं पार्टी के साथियों से बात करने लगा और लगभग साढ़े चार बजे जब मैं राजपूताना टावर से बाहर निकला तो तमाम पत्रकारों ने मुझे सीधे शब्दों में कुछ धनराशि देने को कहा।'

बकौल अमिताभ, 'चूंकि हमारी पार्टी मूल रूप से ही अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार के विरोध के लिए बनी है और हम इस प्रकार के किसी भी कृत्य को पूर्णतया अनुचित मानते हैं, अतः मैंने इसके लिए स्पष्ट रूप से मना कर दिया। इस पर हमारे कुछ स्थानीय साथियों ने उसी समय साफ तौर पर मुझे कहा कि अब कल हमारा समाचार किसी भी समाचार पत्र में प्रकाशित नहीं होगा। उनकी बात सही साबित हुई और आज दिनांक 1 दिसंबर 2023 को वास्तव में किसी भी प्रमुख समाचार पत्र में उक्त समाचार प्रकाशित नहीं हुआ। मैं अच्छी तरह जानता हूं कि जो तथ्य मैंने बताए थे, वे निश्चित रूप से प्रकाशन योग्य थे और यदि वह प्रकाशित नहीं हुई तो उनका एकमात्र कारण मेरे द्वारा धनराशि का नहीं दिया जाना दिखता है।'

अमिताभ कहते हैं, 'मुझे इस बात का कष्ट नहीं है कि समाचार प्रकाशित नहीं हुआ क्योंकि समाचारों का प्रकाशन एक अनवरत और सतत प्रक्रिया है किंतु इस प्रकरण में धनराशि नहीं दिए जाने के कारण समाचार प्रकाशित नहीं होने के कारण मुझे बेहद कष्ट हुआ है। जिस मीडिया के बल पर हम लोगों ने अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार के विरोध में अपनी लड़ाई शुरू की है, उसी मीडिया के कुछ साथियों द्वारा धनराशि न दिए जाने कारण हमारे समाचार प्रकाशित नहीं किए जाना मुझे अंदर तक झकझोर रहा है। यद्यपि मैं प्रयास कर इन पत्रकारों को अलग-अलग चिन्हित कर उनके संबंध में अलग-अलग संस्थाओं से पत्राचार कर सकता हूं, किंतु इस प्रकार का पहला वाकया होने के कारण मैं ऐसा नहीं करता हूं। इसके बाद भी इस प्रकरण की व्यापक महत्ता होने के नाते मैं आपके पटल के माध्यम से इस प्रकरण को व्यायक जनहित में सार्वजनिक कर रहा हूं।'

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