किसानों के प्रदर्शन पर सरकार की पैनी निगाह, RAF जवान मोबाइल फोन कैमरे से कर रहे निगरानी

गाजीपुर बॉर्डर पर बेरिकेटिंग के अलावा, बड़े बड़े पत्थर लगाकर रास्ते को बीच से ब्लॉक किया गया है....

Update: 2020-11-30 07:20 GMT

दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों के कई किसान और किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं हालात काबू में रहे इसके लिए किसानों के हर मूवमेंट पर आरएएफ के जवानों की निगाह बनी हुई है।

गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस, आरएएफ और बीएसएफ के 150 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। वहीं रविवार 29 नवंबर के मुकाबले सोमवार 30 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा कड़ी की गई है।

गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात आरएएफ जवान अपने मोबाइल फोन के कैमरे से किसानों पर नजर बनाए हुए हैं। जवान किसानों की छोटी छोटी प्रतिक्रियाओं पर भी नजर रखे हुए हैं।

गाजीपुर बॉर्डर पर बेरिकेटिंग के अलावा, बड़े बड़े पत्थर लगाकर रास्ते को बीच से ब्लॉक किया गया है। दिल्ली नार्थ ईस्ट एडिशनल डीसीपी मनजीत शेयोराण ने आईएएनएस को बताया, हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं। अभी फिलहाल किसी तरह का हमारे पास कोई इनपुट नहीं है कि और किसान यहां पहुंच रहे हैं या नहीं, लेकिन अगर ऐसा होता है तो हम उसके लिए भी तैयार हैं।

हमने इन लोगों को कहा है कि अगर आप बुराड़ी मैदान जाना चाहते हैं तो हम आपको छोड़ कर आएंगे, लेकिन ये लोग राजी नहीं हैं।

दरअसल, केन्द्र सरकार सितंबर महीने में 3 नए कृषि विधेयक लाई थी, जिन पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे कानून बन चुके हैं, जिसके खिलाफ किसानों का ये आंदोलन छिड़ा हुआ है।

देश के करीब 500 अलग-अलग संगठनों ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चे का गठन किया। वहीं इन सभी संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए हैं। किसानों की मांग है कि इन तीनो कानूनों को केंद्र सरकार वापस ले।

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