किसान आंदोलन धरने पर दरिंदगी: चारों ने मिलकर एक किसान  को जिंदा जलाया, 90% झुलसने के कारण हुई मौत

डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। घटना की वजह की भी तलाश की जा रही है। अभी इस मामले में पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। डीएसपी ने बताया कि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन बताया जा रहा है कि एक आरोपी को पुलिस ने राउंडअप कर रखा है....

Update: 2021-06-17 11:40 GMT

जनज्वार ब्यूरो/बहादुरगढ़। कृषि कानूनों के विरोध में टिकरी बॉर्डर पर चल रहा धरना लगातार विवादों में आ रहा है। इस धरने पर अब आरोप लग रहे हैं कि एक किसान को जिंदा जला दिया गया।   मृतक किसान  की पहचान कसार गांव निवासी मुकेश मोदगिल के रुप में हुई।  कल देर शाम मुकेश  आंदोलन स्थल पर ही  था। इस दौरान किसी बात को लेकर उसका आंदोलन पर चार अन्य किसानों से  झगड़ा हो गया। आरोप है कि रात के वक्त   आरोपियों ने मुकेश पर तेल छिड़ककर आग लगा दी।

बताया यह भी जा रहा है कि पहले मुकेश के मुंह में शराब डाली गई। जब वह नशे में हो गया तो उस पर पेट्रोल डाल कर आग लगा दी। गंभीर हालत में मुकेश को   बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल लाया गया था। 90% झुलसे हुए मुकेश ने करीब 2:30 बजे दम तोड़ दिया।

पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। चारों आरोपी, काफी समय से धरना स्थल पर रह रहे हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपियों में एक का नाम कृष्ण की पहचान कर ली गई है। तीन अन्य कौन है? इस बारे में पुलिस की जांच चल रही है।

डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। घटना की वजह की भी तलाश की जा रही है। अभी इस मामले में पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। डीएसपी ने बताया कि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन बताया जा रहा है कि एक आरोपी को पुलिस ने राउंडअप कर रखा है।

घटना के पीछे दो वजह बतायी जा रही है। पहली तो यह है कि टिकरी बॉर्डर जहां धरना चल रहा है, वहां के ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। इस वजह से आंदोलनरत  किसानों और ग्रामीणों में तनातनी का माहौल बना हुआ है।  कसार गांव के लोग भी आंदोलनरत किसानों के खिलाफ बयान देते रहे हैं।

कुछ किसानों ने बताया कि मुकेश ने कल आंदोलन को लेकर आंदोलन स्थल पर एक जाति विशेष पर टिप्पणी कर ली। इसके बाद विवाद बढ़ गया। जिसे बीच बचाव कर शांत कर दिया गया। लेकिन रात में फिर किसानों व मुकेश के बीच कहासुनी हो गई,इसके बाद यह घटना सामने आई।

मुकेश के भाई मदन ने बताया कि उसके भाई को जबरदस्ती धरना स्थल पर ले जाया गया। वहां उसे बंधक बनाया गया। जब वह बार बार घर जाने की जिद करने लगा तो उसे धमकाया कर रोका गया। इसी बीच रात में उसकी हत्या कर दी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस हत्याकांड के पीछे आंदोलनरत किसान प्रचार पाना चाहते थे। इस घटना को वह किसान का आत्मदाह के तौर पर प्रचारित करना चाह रहे थे।

इसके चलते पहले तो उसके भाई को जबरदस्ती शराब पिलाई गई। इसके बाद उसके शरीर पर तेल डाल कर आग लगा दी। मुकेश गंभीर तो हो गया, लेकिन मरने से पहले उसने बयान दे दिया। इसके बाद घटना को अंजाम देने वाले किसानों में खलबली मच गई। क्योंकि वह अपनी कोशिश में कामयाब नहीं हो पाए। इस बयान के आधार पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

मृतक व्यक्ति के परिजनों ने बताया कि मुकेश  पहली बार धरने पर गया था। उसका  आंदोलन से कोई वास्ता नहीं था। वह बेहद शांत स्वभाव का व्यक्ति था।

ग्रामीणों की मांग है कि आंदोलन की आड़ में जो लोग टिकरी पर है, उन्हें यहां से हटाया जाए। क्योंकि इस वजह से यहां का माहौल खराब हो रहा है। उनकी मांग है कि आंदोलन की आड़ में यहां शरारती तत्व मंडरा रहे हैं। इससे गांव का माहौल पूरी तरह से खराब हो गया है। उनके गांव की महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। गांव के जोहड़ पर पूरा दिन शरारती तत्व मंडराते रहते हैं। इस वजह से उन्हें भारी परेशान का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इसके बाद भी उनकी मांग की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

 उन्होंने  बताया कि वह लंबे समय से यहां से किसानों को हटाने की मांग की जा रही है। इन्हें गांव से कम से कम पांच किलोमीटर दूर किया जाए। जिससे गांव का माहौल शांत रहे।

दूसरी ओर हत्याकांड के बाद बहादुरगढ़ में तनाव का माहौल बना हुआ है। मृतक युवक के परिजनों ने अस्पताल के पास जाम लगा दिया है। उन्होंने बताया कि एक जाति विशेष के लोग ग्रामीणों को डरा कर धरने पर आने के लिए मजबूर कर रहे हैं। यदि ऐसा नहीं करते तो उन्हें धमकाया जाता है। मुकेश की हत्या भी इसी  का परिणाम है। धरने की आड़ में यह हैवान लोग ग्रामीणों में डर का माहौल बनाना चाह रहे हैं। जिससे वह डरा कर लोगों को धरने पर आने के लिए मजबूर कर सके।

ग्रामीणों ने बताया कि किसानों की आड़ में अब जो आंदोलन कर रहे हैं, यह अपराधी और शरारती तत्व जुट गए हैं। क्योंकि अब लोगों का इनका सच पता चल गया है, इसलिए अब किसान इनसे दूर हो गए हैं। पोल खुलने के डर से अब यह शरारती और आपराधिक तत्व ग्रामीणों को धरना स्थल पर आने के लिए मजबूर कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वह इससे बहुत तंग और डरे हुए हैं। उन्होंने मांग की कि आंदोलन की आड़ में यहां जमे हुए आपराधिक लोगों का तुरंत यहां से हटाया जाए। दूसरी ओर उनकी यह भी मांग है कि इस हत्याकांड के आरोपियों को तुरंत पकड़ा जाए। जिससे लोगों में डर का जो माहौल बन गया, वह खत्म हो सके।

इधर डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कुछ नाम पुलिस को बताए गए हैं, उनकी जांच की जा रही है। डीएसपी ने दावा किया कि इस हत्याकांड को जल्दी ही सुलझा लिया जाएगा।

इधर परिवार ने शव को लेने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि उनके बेटे की तड़फा तड़फ कर हत्या की गई है। इस मामले में सरकार तुरंत संज्ञान लें। कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस  तुरंत ही आरोपियों को गिरफ्तार करें। उनकी यह भी मांग है कि परिवार को मुआवजा दिया जाए और सरकारी नौकरी दी जाए। परिजनों ने आंदोलनकारी किसानों को भी गांव से दूर बसाने की मांग है। 

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