मानेसर में हितैची मजदूरों ने लगाये मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप, फिर पकड़ी आंदोलन की राह
मानेसर गुड़गांव Hitachi के मजदूर मैनेजमेंट की वादाखिलाफी और मजदूरों को लगातार प्रताड़ित करने के खिलाफ कल 6 जुलाई की दोपहर 2:30 से हड़ताल पर चले गए, मजदूरों को लगातार तारीख पर तारीख मिल रही हैं, जिस कारण मजदूर अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं....
मानेसर । Protarial(Hitachi) India private limited, मानेसर गुड़गांव Hitachi के मजदूर मैनेजमेंट की वादाखिलाफी और मजदूरों को लगातार प्रताड़ित करने के खिलाफ कल 6 जुलाई की दोपहर 2:30 से हड़ताल पर चले गए। 12 मई 2023 को हुए समझौते को लागू नहीं किया गया है। मजदूरों को लगातार तारीख पर तारीख मिल रही हैं, जिस कारण मजदूर अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
गौरतलब है कि आंदोलनकारी मजदूर आरोप लगा रहे हैं कि लगभग 1 साल से मजदूरों का सामूहिक मांग पत्र पेंडिंग है। मजदूर श्रम विभाग और मैनेजमेंट की मनमानी से परेशान हैं। 6 जुलाई को 5 मजदूरों की शिफ्ट मनमाने तरीके से बदल दी गई। मजदूर मैनेजमेंट की तानाशाही से परेशान थे, जिस कारण मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा। श्रम कानून बेमानी होते जा रहे हैं।
Protarial (Hitachi) के मजदूरों ने सभी यूनियनों और ट्रेड यूनियनों से मदद की अपील की है कि वह संघर्ष में भागीदारी करें।
मजदूरों का मैनेजमेंट पर आरोप है कि 1 जुलाई 2023 की शाम तक समझौता नहीं हो पाया है। मैनेजमेंट निकाले हुए मजदूरों को लेने को तैयार हो रहा है और छुट्टियां लागू करने तक तैयार है।यानी मिनिमम श्रम कानून लागू करवाने के लिए हड़ताल और कानूनी संघर्ष करना पड़ रहा है। मैनेजमेंट न तो सैलरी बढ़ाने को तैयार है और ना स्थाई और सुपर स्किल काम करने वाले मजदूरों को स्थाई करने को तैयार हैं। इतना ही नहीं कभी मैनेजमेंट मजदूरों के पंखे बंद कर दे रहा है और कभी खाना रोक दिया जा रहा है। 1 जुलाई शाम 9 बजे एक मजदूर बेहोश हो गया,उसको ईएसआईसी ले जाना पड़ा।
मजदूर तमाम परेशानियों से जूझते हुए कंपनी के अंदर व बाहर हड़ताल पर डटे हुए हैं। प्रोटेरियल (हिताची) के ठेका मजदूरों का संघर्ष जारी है। 30 जून से शिफ्ट ए, बी और जनरल शिफ्ट के लगभग 200 मजदूर कंपनी के अंदर हड़ताल पर बैठे हुये हैं। साथ ही C शिफ्ट वाले मजदूर कंपनी गेट के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं।
ज्ञात हो कि 11-12 मई की हड़ताल के बाद श्रमिकों, श्रम विभाग और मैनेजमेंट के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ था कि यथास्थिति बरकरार रखी जायेगी तथा अतिरिक्त श्रम आयुक्त के पास लंबित सामूहिक मांग पत्र की आगामी तारीख पर लंबित मांगों और सामूहिक मांग पत्र डालने के बाद निकाले गए 30 मजदूरों को वापिस लेकर समाधान कर लिया जाएगा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
प्रोटेरियल (हिताची) के मजदूरों ने अपने सामूहिक मांग पत्र में "समान काम का सामान वेतन" व "स्थाई काम के लिए, स्थाई रोजगार" आदि की मांग की है। इस पर श्रम विभाग में वार्ताओं के लंबे दौर चले और लगभग 1 साल होने पर कोई समाधान तो दूर उल्टा 30 मजदूरों को प्रताड़ित कर निकाल दिया गया। छुट्टी, शादी यहां तक कि परिजन की मौत पर घर गये मजदूरों को भी नौकरी से निकाला गया।
30 जून को मनमाने तरीके से 5 मजदूरों की शिफ्ट चेंज करने के खिलाफ मजदूर हड़ताल पर बैठे गए। प्रबंधन ने कैंटीन बंद कर दी और बाहर से भी सिर्फ बिस्कुट और नमकीन ही अंदर जाने दिया। 1 जुलाई को प्रबंधन ने हड़ताल पर बैठे मजदूरों के पंखे बंद कर दिए। भूख और गर्मी के कारण कुछ मजदूरों की तबीयत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल भेजना पड़ा। 4 दिन से मजदूर सिर्फ बिस्कुट, नमकीन और चने पर निर्भर थे। केला कभी-कभी जाने देते हैं। 3 जुलाई को बाहर बैठे मजदूरों ने यह निर्णय लिया कि आज मजदूरों को खाना जरूर भेजेंगे। मजदूरों ने लेबर ऑफिस और पुलिस प्रशासन से इस संबंध में शिकायत की। बहुत मुश्किल से ही प्रबंधन बाहर से खाना अंदर आने देने के लिये राजी हुआ। मजदूरों ने आपने साथियों के लिए खाने का इंतजाम किया और रात लगभग 12 बजे मजदूरों के लिए खाना कम्पनी के अंदर गया।
तमाम कष्ट झेलने के बावजूद मजदूर जोशो-खरोश से कंपनी के अंदर और बाहर बैठे हुए हैं और अपनी मांगों का समाधान न होने तक संघर्ष में डटे हुये हैं। वहीं दूसरी तरफ आईएमटी मानेसर गुड़गांव में बड़े पैमाने में ठेकेदारी के तहत मजदूरों का निर्मम शोषण किये जाने का आरोप है। मजदूर नेता मजदूरों से अपील कर रहे हैं कि सभी ठेका मजदूरों को हिताची के मजदूरों का साथ देकर अपनी एकता मज़बूत बनाने का प्रयास करना चाहिये। स्थायी मजदूरों को भी चाहिए कि वे ठेका मजदूरों की लड़ी जा रही इस लड़ाई में उनका साथ दें। आज मजदूरों के संघर्षों की जीत के लिये आवश्यक है कि स्थाई और ठेका के भेद को भूल कर सभी एकजुट होकर संघर्ष करें।