Jalore Dalit Student death case : राजस्थान के जालोर कांड की आंच पहुंची उत्तराखण्ड, पीड़ित परिवार के लिए मांगा मुआवजा और सरकारी नौकरी

Jalore Dalit Student death case : आज भी दलित दूल्हों को घोड़ी पर नहीं चढ़ने देने की घटनाएं सामने आ रही है जो कि इस बात का सबूत हैं कि देश को आजाद हुए 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी देश से जातिवादी उत्पीड़न खत्म नहीं हुआ है....

Update: 2022-08-19 12:04 GMT

Jalore Dalit Student death case : राजस्थान के जालोर कांड की आंच पहुंची उत्तराखण्ड, पीड़ित परिवार के लिए मांगा मुआवजा और सरकारी नौकरी

Jalore Dalit Student death case : राजस्थान के सुराणा गांव में सरस्वती शिशु मंदिर के हेड मास्टर द्वारा 9 वर्षीय छात्र इंद्र मेघवाल की पीट-पीटकर हत्या किए जाने से खिलाफ शुक्रवार 19 अगस्त को सामाजिक, राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मालधन में धरना प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया। इस दौरान वक्ताओं ने राजस्थान सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए मृतक इंद्र के परिजनों को पचास लाख मुआवजा व एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की।

रामनगर के मालधन वार्ड नंबर 2 के तिराहे पर धरने का संचालन करते हुए युवा एकता संगठन के संयोजक इंद्रजीत ने कहा कि इस लोमहर्षक घटना के बाद जिस प्रकार से राजस्थान सरकार ने मृतक के परिजनों के लिए भेदभावपूर्ण मुआवजे की घोषणा की है उससे स्पष्ट है कि वहां का पूरा समाज ही जातिवादी मानसिकता से ग्रसित है। सरकार खुद मुआवजे में भेदभाव बरत रही है तो विपक्षी भाजपा भी चुप्पी साधे हुए है। इससे साफ है कि जातिवाद की लड़ाई में यह लोग आपस में एक ही हैं।

एडवोकेट मदन मेहता ने कहा कि जातिवाद देश में नासूर बन चुका है। पिछले दिनों सवर्ण जाति के बच्चों ने सूखीढंग के एक स्कूल में दलित भोजन माता के हाथ का बना भोजन ग्रहण करने से इनकार कर दिया था। सल्ट में दलितों की बारात सवर्णों द्वारा अपने घर के सामने से नहीं निकलने दी जाती है। आज भी दलित दूल्हों को घोड़ी पर नहीं चढ़ने देने की घटनाएं सामने आ रही है जो कि इस बात का सबूत हैं कि देश को आजाद हुए 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी देश से जातिवादी उत्पीड़न खत्म नहीं हुआ है।

महिला एकता मंच की कौशल्या ने कहा कि देश से जातिवाद को खत्म करने के लिए जरूरी है कि देश में दोहरी शिक्षा प्रणाली को खत्म किया जाए तथा सभी को निशुल्क व वैज्ञानिक शिक्षा की गारंटी दी जाए। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में संशोधन करके सभी देशवासियों के लिए सम्मानजनक रोजगार को मौलिक अधिकार घोषित किया जाए।

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धरना स्थल पर हुई सभा को मुनीष कुमार, पूजा देवी, सरस्वती जोशी, रीना देवी, गीता आर्या, सावित्री देवी, जगदीश चंद्र मनमोहन अग्रवाल, दिनेश चंद्र, सुनील टम्टा आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम में महिलाओं समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।

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