केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और निजीकरण के खिलाफ 9 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करेंगे श्रमिक संगठन

INTUC, NFIR और CPU जैसे मजदूर संगठनों ने इस देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इस दिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ये प्रदर्शन करेंगे।

Update: 2020-07-30 12:54 GMT

File photo

जनज्वार। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों, श्रम कानूनों में बदलाव, रेलवे, सुरक्षा, बैंकिंग सेक्टर आदि को निजी क्षेत्रों को सौंपने के खिलाफ  9 अगस्त को कई श्रमिक संगठन देशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगे। INTUC, NFIR आदि संगठन इस दिन 'सेव इंडिया डे' मनाएंगे।

'सेव इंडिया डे' मनाएंगे श्रमिक संगठन

पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के वाराणसी मण्डल के अध्यक्ष ए एच अंसारी ने कहा 'भारत के सभी मजदूर संगठनों ने भारत सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 9 अगस्त 2020 को "सेव इंडिया डे" मनाने का संकल्प लिया है।'

देश भर में करेंगे आंदोलन

अंसारी ने कहा 'एनएफआईआर, आईएनटीयूसी सीपीयू सहित तमाम मजदूर संगठनों द्वारा भारत सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ़ पूरे भारतवर्ष में मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे और धरना देंगे।'

क्यों हो रहा है यह विरोध प्रदर्शन

अंसारी ने बताया कि लगातार केंद्र सरकार ने मजदूर विरोधी नीतियाँ बनाई हैं, जिससे रेलवे के कर्मचारियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। देश के सभी सेक्टरों के साथी कोविड-19 जैसी महामारी से लड़ने के साथ-साथ मज़दूर विरोधी नीतियों से भी संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में मजदूरों को एकत्र होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ़ सड़क पर उतरना ही एकमात्र विकल्प रह गया है ।

क्या समस्याएं और मांगें हैं इन संगठनों की

1.निजीकरण एवं निगमीकरण के अंतर्गत भारतीय रेल में109 प्राइवेट ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी गई है। रेल को प्राइवेट हाथों में सौंपने के साथ-साथ रक्षा विभाग , कोयला विभाग , एयर इंडिया , बैंक , एलआईसी , परमाणु ऊर्जा , बंदरगाह , हवाई अड्डे , पब्लिक सेक्टर के बैंकों को भी निजी हाथों से वापस लिया जाय।

2. श्रम कानून के बदलाव को वापस कर पूर्ववत किया जाय।

3. मँहगाई भत्ता एवं मँहगाई राहत फ्रीज करने के आदेश को तत्काल वापस लिया जाय।

4. रेल कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारी बने रहने दिया जाय।

5. एनपीएस बंद कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाय।

6.कोविड-19 काल में रेल कर्मचारियों को 5000000 की बीमा किया जाय।

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