Lakhimpur Kheri : 18 अक्टूबर को किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन, लखीमपुर कांड में मंत्री अजय मिश्र की बर्खास्तगी की मांग

Lakhimpur Kheri : मोर्चा ने ऐलान किया है कि लखीमपुर खीरी घटना में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग को लेकर 18 अक्टूबर को देश भर में 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन किया जाएगा..

Update: 2021-10-17 16:33 GMT
लखीमपुर खीरी कांड के विरुद्ध 18 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने रेल रोको आंदोलन की घोषणा की है (image/janjwar)

Lakhimour Kheri : लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Kheri Violence) में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) को हटाए जाने की मांग किसान संगठन लगातार कर रहे हैं। अब संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने ऐलान किया है कि लखीमपुर खीरी घटना के सिलसिले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग को लेकर कल 18 अक्टूबर यानि सोमवार को देश भर में 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 

एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र के तीन कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmers Protest) की अगुवाई कर रहे किसान संघों ने कहा, लखीमपुर खीरी मामले में जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक विरोध जारी रहेगा। एसकेएम ने 'रेल रोको' विरोध के दौरान कहा, सभी ट्रेन यातायात को रोक दिया जाएगा। कार्यक्रम सोमवार को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक छह घंटे तक प्रभावी रहेगा। 

लखीमपुर खीरी कांड में न्याय की मांग कर रहे एसकेएम ने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की अपनी मांग को फिर दोहराया है। हालांकि एसकेएम ने रेल रोको अभियान के दौरान सभी लोगों से शांतिपूर्ण तरीके विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है। कहा है कि सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाए विरोध प्रदर्शन को सफल बनाया जाएगा।

बता दें कि बीते 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में भाजपा सरकार के काफिले की गाड़ियों की चपेट में आकर चार किसानों की मौत हो गई थी। जिसके बाद हिंसा हुई और चार और लोगों की हत्या कर दी गई।

इस प्रकरण में किसानों का दावा है कि किसानों को कुचलने वाली गाड़ी पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष सवार थे। इस मामले में आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।

एसकेएम ने यह भी दावा किया कि पूरे उत्तर प्रदेश में पुतले जलाने के कार्यक्रमों में कई किसान नेताओं को घर में गिरफ्तार किया गया था, जबकि कुछ को हिरासत में लिया गया था। एसकेएम ने इस घटनाक्रम की निंदा की और आरोप लगाया कि यूपी सरकार आम नागरिकों के विरोध के अधिकार को दबा रही है।

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